
Corona Update: भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से तेजी देखने को मिल रही है। संक्रमण की यह संभावित लहर न केवल चिकित्सा विशेषज्ञों बल्कि ज्योतिषाचार्यों के अनुमान को भी सच साबित करती दिख रही है। विक्रम संवत 2082 के आरंभ में ग्रहों की जो विशेष स्थिति बनी, उसने संक्रमण के संकेत पहले ही दे दिए थे।
कोरोना को लेकर ज्योतिषाचार्य नीतेश बौड़ाई की गणना
चित्र में ज्योतिषाचार्य नीतेश बौड़ाई

देहरादून के रहने वाले ज्योतिषाचार्य नीतेश बौड़ाई के मुताबिक वर्ष 2025 के वार्षिक फलादेश विक्रम संवत 2082 के आरंभ में मीन राशि पर षट् ग्रह योग बना था मीन जल तत्व राशि है तब संक्रमण की आशंका जताई गई थी। वर्ष 2021 फरवरी में 10 से 12 फरवरी को कुंभ राशि में षट् ग्रह योग बना था जिसके बाद कोरोना महामारी की दूसरी लहर आई थी। आपको याद दिला दें कोरोना वायरस की दूसरी लहर मुख्य रूप से मार्च 2021 से जून 2021 के बीच आई थी।

ज्योतिषाचार्य नीतेश बौड़ाई का कहना है कि इस संवत् 2082 की शुरुआत में 30 मार्च 2025 को पहले जैसा योग बना तथा सूर्य के वृषभ राशि में और बृहस्पति के मिथुन राशि में और राहु के कुंभ राशि और केतु सिंह राशि गोचर के साथ होने से कोरोना के मामले बढ़ते दिखे हैं। जबकि 11 जून 2025 के बाद ज्योतिषीय गणना के हिसाब से कोरोना के मामलों में तेजी आने की संभावना है। क्योंकि गुरु ने अस्त होना है।
जून के बाद बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, 11 जून 2025 के बाद बृहस्पति ग्रह के अस्त होने की स्थिति बन रही है। जब गुरु अस्त होता है, तब ज्ञान, धर्म और सुरक्षा से जुड़ी चीज़ों में असंतुलन देखा जाता है। माना जा रहा है कि यह अवधि संक्रमण की रफ्तार को फिर से बढ़ा सकती है।

जून के बाद बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले
ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, 11 जून 2025 के बाद बृहस्पति ग्रह के अस्त होने की स्थिति बन रही है। जब गुरु अस्त होता है, तब ज्ञान, धर्म और सुरक्षा से जुड़ी चीज़ों में असंतुलन देखा जाता है। माना जा रहा है कि यह अवधि संक्रमण की रफ्तार को फिर से बढ़ा सकती है।
कोरोना से बचाव के लिए क्या करें आम लोग?
विशेषज्ञों का मानना है कि आमजन को इस समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है:
- मास्क का प्रयोग दोबारा अनिवार्य किया जा सकता है
- बूस्टर डोज़ की सलाह
- भीड़भाड़ से बचाव और स्वच्छता का विशेष ध्यान