Neem Karoli Baba Kainchi Dham : उत्तराखंड को देवताओं की भूमि कहा जाता है। लोगों की मान्यता है कि ये स्थान प्राचीन काल में देवताओं का वासस्थल रहा है इसलिए इसका नाम देवभूमि भी है। उत्तराखंड ऐसे अनगिनत स्थान हैं जिनकी धार्मिक मान्यताएं हैं लोगों को यहां आने पर सुकून मिलता है और उनकी तकलीफें दूर होती है। ऐसा ही एक स्थान नैनीताल जिले में स्थित है, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है। कैंची धाम की मान्यता विदेशों तक है। तो आईए आपको इस धाम के बारे में विस्तार से बताते हैं।
कैंची धाम आश्रम बाबा नीम करोली महाराज के नाम से मशहूर है। इसकी ख्याति विश्वभर में प्रसिद्ध है। नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। कैंची धाम से कई चमत्कार और रहस्य भी जुड़े हुए हैं। मान्यता है कि यहां आने वाला कोई भी शख्स खाली हाथ नहीं लौटता उसकी मन की मुराद जरूरी पूरी होती है।
वैस तो पूरे साल यहां भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन 15 जून को आश्रम का स्थापना दिवस होता है जिस पर लाखों की संख्या में लोग आते हैं। इस मौके पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। बाबा नीम करोली पहली बार 1961 में यहां आए थे और उन्होंने 1964 में कैंची धाम की स्थापना अपने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर की थी.
कैंची धाम से जुड़े हैं कई चमत्कार
- कैंची धाम चमत्कारों और रहस्यों से भरा है। देशभर में बाबा के कई आश्रम हैं लेकिन उत्तराखंड स्थित कैंची धाम नीम करोली बाबा का सबसे बड़ा आश्रम है। यहां नीम करोली बाबा का समाधि स्थल भी है। भारत के साथ ही कैंची धाम में विदेशी भक्तों की भीड़ रहती है।
- कहा जाता है कि इस धाम में बाबा के कई चमत्कार हुए। कैंची धाम से जुड़े कई चमत्कारों में एक यह है कि, एक बार कैंची धाम में भंडारा चल रहा था। लेकिन तभी घी कम पड़ गया। भक्तों ने ये बात बाबा को बताई। बाबा ने भक्तों को नदी से जल भरकर लाने को कहा, बाबा के आदेश पर नीचे बहती नदी से जल भरकर लाया गया और उसे प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया। लेकिन पात्र में डालते ही जल घी में बदल गया। लोग ये चमत्कार देखकर हैरान रह गए।
- कहा जाता है कि एक बार भक्त गर्मी से बहुत तप रहा था। तब नीम करोली बाबा ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए बादल की छतरी बनाकर उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया।
- पावन कैंची धाम और बाबा नीम करोली से ऐसे कई किस्से जुड़े हैं, जिसे जानकर या सुनकर लोग यहां खुद बाबा की शरण में खिंचे चले आते हैं।
Kainchi Dham Kaise Jaye : धार्मिक तीर्थस्थलों में से एक कैंची धाम आश्रम श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। प्रसिद्ध संत नीम करोली बाबा ने यहां एक आश्रम स्थापित किया था, जो कि शांतिपूर्ण आश्रय स्थल बन गया, जहां लोग आंतरिक शांति की तलाश में आते हैं। कैंची धाम एक आध्यात्मिक केंद्र है, जो कि उत्तराखंड की सुरम्य पहाड़ियों पर स्थित है।
पिछले वर्षों में क्रिकेट और मनोरंजन जगत की कई हस्तियां और देश-विदेश के दिग्गज कारोबारी नीम करोली बाबा के आश्रम जाते रहें हैं। सेलिब्रिटीज के बीच लोकप्रिय हुए नीम करोली बाबा के आश्रम आप भी जाना चाहते हैं तो कैंची धाम की यात्रा की पूरी जानकारी यहां मिलेगी।
कैंची धाम कैसे पहुंचे?
कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल शहर के पास स्थित है। नैनीताल से 17 किमी दूर कैंची धाम नाम की जगह है, जहां आप सड़क मार्ग के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं। दिल्ली से नैनीताल की दूरी लगभग 324 किलोमीटर है। सफर तय करने में करीब साढ़े 6 घंटे का वक्त लगेगा। आगे का सफर भी सड़क मार्ग से कर सकते हैं।
अगर आप हवाई सेवा चाहते हैं तो कैंची धाम से सबसे करीब 70 किमी दूर पंतनगर हवाई अड्डा है। कैंची धाम तक पहुंचने के लिए टैक्सी या बस मिल जाएगी। ट्रेन से कैंची धाम का सफर तय करना है तो निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। काठगोदाम से 38 किलोमीटर दूर नीम करोली आश्रम है।