
जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल चिनाब ब्रिज को राष्ट्र को समर्पित कर दिया। पीएम मोदी ने जम्मू-श्रीनगर रेलवे लाइन का उद्घाटन भी कर दिया, जो देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। चिनाब पर जिस तरह से पीएम मोदी ने तिरंगा लहराकर चहलकदमी की, उससे पड़ोसी मुल्कों चीन और पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को यह संदेश दिया गया कि ये नए युग का भारत है।
चिनाब पुल एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। जिसकी ऊँचाई नदी तल से 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी 35 मीटर अधिक है। यह पुल 1.3 किलोमीटर लंबा है और स्टील आर्च डिज़ाइन में निर्मित है, जिसमें 93 डेक सेगमेंट और 467 मीटर लंबा मुख्य आर्च शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच करीब 1,400 करोड़ रुपये की लागत से बना चिनाब ब्रिज नदी तल से 359 मीटर ऊपर है। यह पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है और देश की राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद कुतुब मीनार से करीब पांच गुना ऊंचा है। पीएम ने यह सौगात देकर कश्मीर घाटी को भारत से जोड़ दिया।
चिनाब ब्रिज के उद्घाटन के मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा कि ये जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व का क्षण है।
उधर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए बधाई दी है। सीएम धामी ने कहा कि ये भारत की शक्ति, शौर्य, विकास और एकता को प्रतिबिंबित करता है।
चिनाब पुल के उद्घाटन के बाद भारत ने सही मायनों में जम्मू-कश्मीर को पूरे भारत से जोड़ दिया। 5 अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अब जाकर सही मायनों में PM मोदी का कश्मीर को एकीकृत करने का मकसद अब जाकर पूरा हुआ। कश्मीर घाटी तक वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से पहुंचेगी। यह न्यू नॉर्मल की असली शुरुआत है।

चिनाब पुल की खासियत
यह पुल जम्मू और कश्मीर में रेल कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। इससे आर्थिक विकास, पर्यटन और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस पुल में 467 मीटर का मुख्य स्टील आर्च है। यह अपनी तरह का सबसे लंबा आर्च है। पुल में उच्च शक्ति वाले स्टील और नई केबल-क्रेन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। पुल को 120 साल तक चलने के लिए बनाया गया है।