उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए धामी सरकार ने ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कर उसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इस कानून के लिए काम शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। ये कमेटी यूसीसी कानून बनाने के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी।
कमेटी में किसे शामिल किया गया
समान नागरिक संहिता के परीक्षण और उसे लागू करने के लिए गठित समिति में रिटायर्ड रंजना प्रकाश देसाई को अध्यक्ष बनाया गया है। रंजना देसाई सुप्रीम कोर्ट की जज रही हैं और जम्मू और कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग की अध्यक्ष भी रही हैं। समिति में सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को सदस्य बनाया गया है।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का क्यों ना हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। यूनियन सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है।