दिल्ली में ADPI यानी एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल डिटेक्टिव एंड इंवेस्टीगेटर्स की एनुएल नेशनल कॉफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें भारत का यंगेस्ट एंटरप्रीनॉर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड से देवव्रत पूरी गोस्वामी को सम्मानित किया गया। आपको बता दें देवव्रत पुरी गोस्वामी Tianzhu Investigative Services Pvt Limited के डायरेक्टर हैं। देवव्रत गोस्वामी को दिल्ली के पीएचडी हाउस में हुए कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया।
देवव्रत गोस्वामी के बारे में जानें
देवव्रत पुरी गोस्वामी भारत की सबसे बड़ी डिटेक्टिव एजेंसी चलाते हैं। वो मूल रूप से उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं। उनकी कंपनी डिटेक्टिव ऑपरेशन करती है। वो अब जाने कितनी ही मामलों में जासूसी के जरिए खुलासा करवा चुके हैं। देवव्रत गोस्वामी की कंपनी पूरे हिंस्दुस्तान में ऑपरेट करती है। अलग-अलग शहरों में इनकी कंपनी के एजेंट काम कर रहे हैं। इसके साथ ही देवव्रत एक पैरानॉर्मल एक्सपर्ट भी है, वो वैज्ञानिक तरीक से भूत प्रेतों से बात करते हैं और उनकी मौजूदगी का एहसास कराते हैं। मसूरी की देहर माइन पर देवव्रत कई न्यूज चैनल के लिए डॉक्यूमेंट्री शूट कर चुके हैं। इस तरह से देवव्रत हिंदुस्तान को बहुत बड़े पैरानॉर्मल एक्सपर्ट भी हैं। उनके पास ऐसे आधुनिक गैजेट्स हैं जो विदेशों में इस्तेमाल होते हैं। हिंदुस्तान में उनका इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ। देवव्रत गोस्वामी पैरानॉर्मल के क्षेत्र में रिसर्च भी कर रहे हैं ताकी लोगों के अंधविश्वास नहीं वैज्ञानिक तरीके से भूत-प्रेतों की दुनिया के बारे में बताया जा सके।
अवॉर्ड से सम्मानित होने पर क्या कहा देवव्रत गोस्वामी ने
देवव्रत गोस्वामी इस अवॉर्ड से सम्मानित होने के बाद बेहद खुश हैं। वो कह रहे हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है। देवव्रत का कहना है कि किसी भी काम को आगे बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी बात है कि आपको नेक नीयत और निष्ठावान तरीके से काम करना होता है। देवव्रत ने भी अपने काम को ऐसे अंजाम दिया जिसका बदौलत वो आज इसी मुकाम तक पहुंचे हैं।
भारत में जासूसी को लेकर लोगों की राय क्या है
जब हमने इस बारे में देवव्रत गोस्वामी से पूछा कि भारत में जासूसी को लेकर लोगों की राय क्या तो उन्होंने कहा कि हम अभी भी जासूसी को सामान्य तरीक से देखते हैं। मगर आज से समय में जासूसी बहुत बड़ा फिल्ड है, जिसमें करियर की संभावनाएं हैं। इस फिल्ड में चैलेंज काफी है मगर जो इसे करता है उसे फिर इसमें इंजॉव्य भी काफी आने लगता है।
हिंदुस्तान में पैरानॉर्मल को लेकर लोगों की राय क्या है
देवव्रत गोस्वामी से हमने जब इस बारे में पूछा कि क्या भूत-प्रेत होते हैं। इस पर गोस्वामी ने जवाब दिया कि भूत-प्रेत होते हैं और उन्होंने इन्हें अपने गैजेट्स के माध्यम से कई बार महसूस भी किया है। देवव्रत का कहना है कि ज्यादा हम भूत-प्रेतों की रियल दुनिया को देख नहीं पाते हैं और लोगों की सुनी सुनाई बातें सुनकर सही और गलत के बीच में धारना बना लेते हैं, जो एक तरह से अंधविश्वास को जन्म देती है। जिस वजह से इन अदृशीय शक्तियों जिन्हें हम भूत-प्रेत भी कहते हैं के वजूद पर सवाल उठने लगते हैं। मगर वैज्ञानिक तरीक से परीक्षण करने पर उनकी मौजूदगी का एहसास होता है। जिसे ना सिर्फ महसूस किया जा सकताहै बल्कि उनसे बात भी की जा सकती है।