Uttarakhand CM: पुष्कर सिंह धामी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन में शामिल हुए।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू जो बन सकती हैं अगली राष्ट्रपति, जानें क्लर्क से लेकर प्रेसिडेंट कैंडिडेट तक का सफर
बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। इसके लिए उसने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का चुनाव किया है। ये नाम सामने आते है हर कोई राष्ट्रपति पद के लिए खड़ी होने वाली द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानने में दिलचस्पी दिखा रहा है। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। वो द्रौपदी मुर्मू सरकार में भी मंत्री रह चुकी है। अगर मुर्मू मुकाबले में सफल हुईं तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। कभी सिंचाई विभाग में क्लर्क के पद पर नौकरी करने वाली महिला आज देश के सर्वोच्च पद के उम्मीदवार के लिए चुनी गई आइए जानते हैं। द्रौपदी मुर्मू के व्यक्तिगत और राजनैतिक सफर के बारे में
शिक्षा
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरगंज जिले के बैदपोसी गांव में हुआ। उनके पिता का नाम बिरांची नारायण टुडु है। वे आदिवासी जातीय समूह, संथाल से संबंध रखती हैं। द्रौपदी ने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया।
सिंचाई विभाग और बिजली विभाग में किया काम
द्रौपदी सिंचाई और बिजली विभाग में 1979 से 1983 तक जूनियर असिस्टेंट के तौर पर काम कर चुकी हैं। वर्ष 1994 से 1997 तक उन्होंरे रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीगरल एजुकेशन सेंटर में ऑनरेरी असिस्टेंट टीचर के तौर पर भी सेवाएं दीं।
पति और दो बेटों को खोया
पति और दो बेटों को खोया द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था। दो बेटे और एक बेटी हुई, लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने पति और अपने दोनों बेटों को असमय ही खो दिया। इसके बाद मां ने नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च चलाया और बेटी इति मुर्मू को पढ़ाया-लिखाया। बेटी ने भी कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक बैंक में नौकरी हासिल कर ली। अब वो अपनी वैवाहिक जीवन में खुश हैं। पार्षद के रुप में शुरु किया राजनीतिक सफर द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और फिर साल 2000 में वह ओडिशा सरकार में विधायक चुनी गई थीं। ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी गठबंधन सरकार में द्रौपदी मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने मार्च 2000 से कई 2004 तक राज्य के वाणिज्य व परिवहन तथा मत्स्य और पशु संसाधन विकास विभाग के मंत्री का पद संभाला। वर्ष 2007 में द्रौपदी को ओडिशा विधानसभा के बेस्ट एमएलए ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया था