Mission Aditya L 1 : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने एक और इतिहास रचने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। श्रीहरिकोटा से सूर्य पर पहला स्वदेशी मिशन आदित्य एल 1 लॉन्च हो चुका है। शनिवार को तय समय के मुताबिक सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य एल 1 को लॉन्च कर दिया गया।
क्या है आदित्य एल 1
आदित्य एल 1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इस स्थान को L 1 भी कहते हैं जिसकी धरती से दूरी लगभग 1.5 मिलियन किमी यानी करीब 15 लाख किमी दूर है।
आदित्य एल 1 से मिलेगा सूर्य को समझने का मौका
L1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा (halo orbit around the Lagrange point ) में रखे गए उपग्रह से सूर्य को बगैर किसी ग्रहण के सूर्य को लगातार देखा जा सकेगा। जिसके इसरो को वास्तविक समय में सौर गतिविधियों (solar activities) और अंतरिक्ष मौसम (Sun-Earth system) पर इसके प्रभाव को समझने और देखने का मौका मिलेगा।
कैसे काम करेगा आदित्य एल 1 (The spacecraft carries seven payloads )
आदित्य एल 1 में सात पेलोड (The spacecraft carries seven payloads ) लगे हैं। जिसकी मदद ये विद्युत चुम्बकीय (photosphere,) प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर (chromosphere) और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) (outermost layers of the Sun (the corona) ) का निरीक्षण करेगा।
आदित्य एल 1 में लगे पेलोड का क्या काम है (spacecraft carries seven payloads)
विशेष सुविधाजनक बिंदु L1 (special vantage point L1) का उपयोग कर इसके तीन पेलोड से सीधे सूर्य को बगैर किसी रुकावट के देखा जा सकेगा । जबकि बाकी तीन पेलोड (remaining three payloads carry out in-situ studies of particles and fields at the Lagrange point L1) लैग्रेंज (Lagrange point ) बिंदु L1 पर कणों और क्षेत्रों का इन-सीटू अध्ययन किया जाएगा। इस प्रकार से सूर्य को समझने में मदद करेगा। (providing important scientific studies of the propagatory effect of solar dynamics in the interplanetary medium)
आदित्य-एल1 मिशन के प्रमुख उद्देश्य (The major science objectives of Aditya-L1 mission)
आदित्य-एल1 मिशन के प्रमुख उद्देश्य (The major science objectives of Aditya-L1 mission)
1- सूर्य के ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिशीलता का अध्ययन (Study of Solar upper atmospheric (chromosphere and corona) dynamics)
2- क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग का अध्ययन (Study of chromospheric and coronal heating)
3- सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले इन-सीटू कण और प्लाज्मा वातावरण का निरीक्षण करना
4- सौर कोरोना का भौतिकी और इसका तापन तंत्र (physics of solar corona and its heating mechanism)
5- कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान: तापमान, वेग और घनत्व
6- सीएमई का विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति (Development, dynamics and origin of CMEs)
7- कई परतों (क्रोमोस्फीयर, बेस और विस्तारित कोरोना) पर होने वाली प्रक्रियाओं के अनुक्रम की पहचान करना
9- सौर कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र टोपोलॉजी और चुंबकीय क्षेत्र माप (magnetic field measurements in the solar corona)