उत्तराखंड उत्तरकाशी न्यूज: उत्तरकाशी जिले में स्थित मां यमुना के तीर्थ स्थल यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैया दूज के मौके पर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये गए हैं। यमुनोत्री धाम चारधाम का पहले प्रमुख तीर्थ स्थल है। यमुनोत्री धाम के कपाट विशेष पूजा अर्चना के बाद पूर्व निर्धारित समयानुसार 12 बजकर पांच मिनट पर पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब छह महीने शीतकाल में मां यमुना के दर्शन और पूजा अर्चना शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में किए जाएंगे।
रविवार सुबह आठ बजे मां यमुना के भाई शनिदेव समेश्वर महाराज अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं और स्थानीय देव डोलियों की मौजूदगी में मां यमुना के मंदिर कपाट बंद हुए। ग्रामीणों ने मां यमुना की डोली का फूल मालाओं, धूप, दीप नैवेद्य के साथ भव्य स्वागत किया।
यमुनोत्री धाम में इस यात्रा सीजन में 711754 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जबकि पिछले साल ये संख्या 735245 रही थी।
शीतकाल के दौरान खरसाली में क्यों होती है यमुना की पूजा
खरसाली में यमुना की पूजा का महत्व विशेष है क्योंकि यह स्थान यमुनोत्री धाम के पास स्थित है और इसे यमुना माता का निवास स्थान माना जाता है। यहाँ पर यमुना नदी के स्रोत और विभिन्न पवित्र स्थानों के पास होने के कारण श्रद्धालु यहाँ आकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
धार्मिक मान्यता: खरसाली को यमुनोत्री की उपासना का महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। यहाँ पर यमुनाजी की मूर्ति की पूजा की जाती है, जो भक्तों के लिए अत्यधिक श्रद्धा का स्थान है।
प्राकृतिक सौंदर्य: खरसाली का प्राकृतिक वातावरण श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यहाँ की पहाड़ियाँ, जलप्रपात और हरियाली इसे एक अद्भुत स्थान बनाते हैं।
सांस्कृतिक गतिविधियाँ: यहाँ पर विभिन्न त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के दौरान बड़े पैमाने पर यमुना की पूजा की जाती है, जो स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है
श्रद्धालुओं का आस्था स्थल: खरसाली में आकर श्रद्धालु यमुनाजी के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं और यहाँ की पूजा उनके लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होती है।
इस प्रकार, खरसाली में यमुनाजी की पूजा का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है, जो इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाता है।
बदरीनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे
उत्तराखंड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में से तीन धामों के कपाट अब बंद हो चुके हैं, बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद किए जाएंगे। सबसे आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट ही बंद होते हैं। सदियों से ये रीत चली आ रही है जिसे आज भी निभाया जा रहा है।
खरसाली कैसे पहुंचे
खरसाली पहुंचने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण मार्गों का ध्यान रखना होगा। आपको कुछ विकल्प के बारे में बताते हैं:
सड़क मार्ग से खरसाली कैसे पहुंचे
खरसाली किसी सड़क से सीधे जुड़ा नहीं है क्योंकि जानकी चट्टी से एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। जानकीचट्टी तक बड़े आराम से सड़क तक पहुंचा जा सकता है, देहरादून से होते हुए खरसाली बड़े आराम से पहुंचा जा सकती है।
हवाई मार्ग से खरसाली कैसे पहुंचे
- निकटतम एयरपोर्ट: जौलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) है। यहाँ से टैक्सी या बस लेकर देहरादून जाएं और फिर वहां से खरसाली के लिए आगे बढ़ें।