Uttarakhand Arakshan: उत्तराखंड में राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। राजभवन ने विधानसभा से पारित उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है। अब गजट नोटिफिकेशन के बाद ये अधिनियम बन जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा कर दिया है। जिससे साफ है कि सरकार अपने वादे पर खरी उतर रही है।
इस विधेयक को 11 अगस्त 2004 से लागू माना जाएगा। साथ ही 11 अगस्त 2004 और उसके बाद राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश के अंतर्गत विभिन्न राज्याधीन सेवाओं और पदों पर चयनित राज्य आंदोलनकारियों की नियुक्तियां वैध मानी जाएगी।
उत्तराखंड क्षैतिज आरक्षण पर कब क्या हुआ ?
राज्य आंदोलनकारियों को साल 2004 में नारायण दत्त तिवारी सरकार के समय आरक्षण देने का निर्णय लेते हुए शासनादेश जारी किया गया था। इस आधार पर सरकारी सेवाओं में आंदोलनकारियों को आरक्षण दिया जा रहा था।
मगर वर्ष 2011 में हाईकोर्ट ने इस विषय पर सुनवाई करते हुए शासनादेश के अनुसार दिए जा रहे आंदोलनकारी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद वर्ष 2015 में हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इस आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया। 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे विधेयक को विधानसभा से पारित कराकर राजभवन भेजा था। मगर मामला अटका रहा, सितंबर 2022 में सात साल बाद राजभवन ने इसे वापस लौटा दिया। मार्च 2023 में धामी कैबिनेट ने फिर से क्षैतिज आरक्षण पर विधेयक लाने का निर्णय लिया। सितंबर 2023 में धामी कैबिनेट ने विधेयक लाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसे सात सितंबर 2023 को विधानसभा ने प्रवर समिति को सौंप दिया। जिसके बाद 11 नवंबर को प्रवर समिति ने विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी। फरवरी 2024 में सदन ने सर्वसम्मति से विधेयक पारित कर राजभवन भेज दिया। राजभवन की मुहर लगने पर 18 अगस्त को अधिनियम बनने का रास्ता साफ हो गया।
क्या है उत्तराखंड क्षैतिज आरक्षण
इस विधेयक में ऐसे आंदोलनकारी की आयु 50 वर्ष से अधिक होने अथवा शारीरिक एवं मानसिक रूप से अक्षम होने के कारण स्वयं सेवा करने से अनिच्छुक होने पर उसके आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।