Uttarakhand Disaster: जुलाई महीने में शुरू हुई बारिश ने उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। उत्तराखंड को दो जिले टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग इस समय आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटने की घटना के बाद काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा से हुए नुकसान को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की और मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री धामी के साथ आपदा प्रभावित जिलों के डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से पूछा कि उनके जिले में फिलहाल मौजूदा स्थिति क्या है।
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश है कि सभी अधिकारी ध्यान रखें कि संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने, राहत-बचाव कार्यों, सुरक्षा की दृष्टि से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए जो भी बजट की आवश्यकता पड़ेगी उसे शासन द्वारा अविलंब स्वीकृति दी जाएगी। प्रदेशवासियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए हर सम्भव कार्य किए जाएंगे।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर के जरिए आपदा प्रभावित इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री धामी ने रुद्रप्रयाग के भीमबली इलाके में बादल फटने की घटना से हुए नुकसान का जायजा लिया।
रुद्रप्रयाग के भीमबली में बादल फटने की घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में तीर्थ यात्री फंस गए थे। इन तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए SDRF, NDRF के साथ ही पुलिस टीम लगातार ऑपरेशन चला रही है। जंगल के रास्ते वैकल्पिक मार्ग के जरिए तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा रहा है। इसके लिए कई हेलीकॉल्टर की मदद ली गई है। केदारनाथ मार्ग क्षतिग्रस्त होने की वजह से तीर्थ यात्रियों को जंगल के रास्ते निकाला जा रहा है अभी तक 800 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों को रेस्क्यू किया गया है।