UTTARAKHAND

उत्तराखंड के कण-कण में बस्ते हैं देव

हिमालय की तलहटी में बसे उत्तराखंड राज्य को देवभूमि कहा जाता है। इसके देवभूमि नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि कहा जाता है कि ये कभी ऋषि मुनियों ने हिमालय का कंदराओं में तपस्या की थी। हिमालय पहाड़ भगवान शंकर का वास स्थल और तपस्थली भी रही है। यहीं से पांडव स्वार्गारोहण के लिए गए थे। इसलिए माना जाता है कि ये जगह देवों की धरती रही है इसलिए इसका नाम देवभूमि पड़ा है।

धार्मिक लिहाज से उत्तराखंड अहम स्थान है

धार्मिक लिहाज से देखे तो उत्तराखंड बेहद अहम स्थान रखता है। उत्तराखंड के वैसे तो तमाम शहर ही किसी ना किसी रूप में धार्मिक महत्व रखते हैं। मगर इन सब में भी हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और नैनीताल बेहद ही अहम स्थल हैं।

देवभूमि के बारे में सदियों पुरानी मान्यताएं

उत्तराखंड राज्य के धार्मिक महत्व के बारे में सदियों पुरानी मान्यताएं और इतिहास मिलता है। जिससे इस जगह के प्राचीन होने के पुख्ता सबूत और प्रमाण मिलते हैं। हर की पैड़ी जिसे हिंदुओं के लिए स्वर्ग का द्वार कहा जाता है वहां एक लंबे अरसे से लोग स्नान और अस्थि विसर्जन के लिए आते रहे हैं। इसलिए देवभूमि के बारे में जो मान्यताएं से उसे इनसे बल मिलता है।