
पॉलीहाउस में धनिया, पालक, शिमला मिर्च, खीरा, हरी मिर्च, भिंडी आदि सब्जियों की पौध तैयार की जा रही है। डीपीएम ने पौध उत्पादन की प्रक्रिया और गुणवत्ता का अवलोकन किया तथा किसानों को पॉलीहाउस तकनीक के लाभों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर पौध संरक्षण हेतु ‘लाल दवा’ (कापर सल्फेट आधारित मिश्रण) के महत्व और उपयोग के बारे में भी किसानों को विस्तार से अवगत कराया गया।




इसके उपरांत डीपीएम ने जीवामृत कृषक संगठन (एफपीओ) के कार्यालय का भी दौरा किया। वहां पर एफपीओ के प्रतिनिधियों डॉक्टर अरविंद बरगली और श्री जगबीर सिंह के साथ बैठक कर जैगरी (गुड़) उत्पादन, गेहूं की खरीद-फरोख्त तथा उत्पादों की मार्केटिंग रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। किसानों को बाजार से जुड़ने के नए अवसरों के बारे में मार्गदर्शन दिया गया ताकि वे अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
इस निरीक्षण दौरे में नारसन विकासखंड की टीम तथा नारीशक्ति सीएलएफ की टीम भी सक्रिय रूप से उपस्थित रही। डीपीएम ने सभी प्रतिभागियों को नवाचारों को अपनाकर कृषि व्यवसाय को और मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया।