Amarnath Yatra 2023: जम्मू-कश्मीर में होने वाली बाबा बर्फानी की अमरनाथ यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस साल वर्षअमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन संपन्न होगी। यात्रा पर जाने के दो रास्ते हैं। एक पहलगाम और दूसरा बालटाल। पहलगाम मार्ग लंबा है। वहीं, बालटाल रूट मार्ग छोटा है, पर इस पर जोखिम अधिक हैं।
अमरनाथ यात्रा की तैयारियां हुई तेज
अमरनाथ यात्रा के दौरान 123 लंगर श्रद्धालुओं के लिए दिन-रात खुले रहेंगे। ये लंगर तीर्थयात्रा के दोनों मार्गों (बालटाल और पहलगाम) पर लगेंगे। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने लंगर संगठनों को इसकी अनुमति दे दी है। बोर्ड ने लंगर संगठनों को अपने सेवादारों के दस्तावेज 15 मई तक भेजने के लिए कहा है। लंगर वालों को 15 जून तक चिह्नित जगह पहुंचने के लिए कहा गया है। इधर, अनुमति मिलने के साथ ही लंगर संगठनों ने आवश्यक सामग्री को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। यात्रा मार्गों के अलावा लखनपुर से लेकर पहलगाम और बालटाल तक भी 50 से अधिक लंगर लगाए जाने हैं, जिसकी अनुमति संबंधित जिलों के उपायुक्त देंगे। इस बीच, बाबा बर्फानी लंगर संगठन श्राइन बोर्ड का पत्र लिखकर अपने कई मुद्दे उठाए हैं।
अमरनाथ यात्रा के दौरान सबसे अधिक लंगर पंजाब से संगठन लगाते हैं। उसके बाद हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से संस्थाएं लंगर लगाती हैं। सबसे अधिक लंगर बालटाल और दोमेल में 25 लगाए जाएंगे। इसी तरह पवित्र गुफा में 13, शेषनाग में आठ, पिस्सुटाप में पांच, पंचतरणी में 12, चंदऔरड़ी में सात, नुनवन में नौ, जोजीबल में पांच लंगर लगाए जाएंगे।