Dehradun News: जौलीग्रांट एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार के खंभों पर बौद्ध धर्म के श्लोक लिखे जाने पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह देवभूमि आदि गुरु शंकराचार्य जी के नाम से पहचानी जाती है। भले ही उनका जन्म केरल के कालडी में हुआ हो, लेकिन वह अभी भी उत्तराखंड में विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि वह बौद्ध धर्म के के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उचित होता कि इन खंभों में गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल के देवी-देवताओं के बारे में , यहां की प्राचीन संस्कृति से जुड़े हुए कुछ अन्य तथ्यों का भी उल्लेख किया जाता।
उन्होंने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम आदि गुरु शंकराचार्य के नाम पर होना चाहिए । इसके लिए कई बार केंद्र और राज्य सरकार से निवेदन कर चुके हैं।