Ramlala Pran pratishtha: 22 जनवरी 2024 का दिन हिंदुस्तान और हिंदू संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए इतिहास बन गया है। भगवान राम आज अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं। करीब 500 साल का इंतजार और टेंट में दिन बिताने के बाद राम लला को आखिरकार वो स्थान मिल गया जिसके वे हकदार थे। अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सोमवार को पूरा हो गया। मोदी बतौर मुख्य यजमान हल्के पीले रंग की धोती और कुर्ता पहनकर 12 बजे मंदिर परिसर में पहुंचे। उनके हाथ में एक थाल थी, जिसमें श्रीरामलला का चांदी का छत्र था।
संकल्प के साथ प्राण प्रतिष्ठा की विधि 12 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई, जो 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली।
इस मौके पर मोदी बोले- रामलला अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे। राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। लोग इसे हजारों साल याद करेंगे।
PM ने कहा- आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। PM ने कहा- अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। प्रधानमंत्री 12 जनवरी से 11 दिन के उपवास पर थे। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव ने उनका व्रत खुलवाया।