NORTH-EAST

नॉर्थ-ईस्ट राज्य के बारे में जानें

हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं कि भारत अनेकता में एकता का देश है। वास्तव में लगता है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक अनेक संस्कृति को जैसे एक माला में पिरोया गया हो। भारत की यही विशेषता दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसमें उत्तर-पूर्व या पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) भारत तो जैसे कदम-कदम पर विविधता समेटे हुए है। नॉर्थ-ईस्ट के सात राज्यों को ‘सेवन सिस्टर्स’ भी कहा जाता है जो कि अपनी विशेष संस्कृति और विविधताओं को लेकर खासा चर्चित रहता है। पहाड़ों, नदियों और खूबसूरत वादियों से भरे भू-भाग को जैसे सदियों निहारते हुए बिताया जा सकता है। घुमक्क्ड़ों के लिए नॉर्थ-ईस्ट किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

नॉर्थ-ईस्ट (North East) यानी सेवन सिस्टर्स

नॉर्थ-ईस्ट इंडिया में सेवन सिस्टर्स जैसे असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम के अलावा सिक्किम और उत्तर बंगाल के कुछ भाग (दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार) आते हैं। ये क्षेत्र प्रकृति की गोद में स्थित है और सांस्कृतिक रूप से बेहद संपन्न है। अपने दुर्गम इलाके और विपरीत प्राकृतिक अवस्था के कारण इनका जुड़ाव देश-दुनिया के दूसरे भाग से अधिक नहीं रहा। यही कारण रहा कि उत्तर-पूर्व या नॉर्थ-ईस्ट की संस्कृति अपने शुद्ध रूप में आज भी विराजमान है।

नॉर्थ-ईस्ट (North East) कुदरत का खजाना

नॉर्थ-ईस्ट (North East) क्षेत्र में जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों के अलावा उन्नत लोक संस्कृति और कलात्मक अभिव्यक्ति दिखती है। यहाँ सौ से ज़्यादा जनजातियाँ और उपजातियाँ रहती हैं। नॉर्थ-ईस्ट (North East) में अनेक धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं। इनकी भाषा, रहन-सहन, रिवाज सभी एक-दूसरे से अलग हैं। एक समय था जब यहाँ पहुँचना बेहद मुश्किल होता था लेकिन अब पर्यटक ट्रैवेल एजेंटों के माध्यम से या खुद ही बड़ी आसानी से नॉर्थ-ईस्ट (North East) जा सकते हैं।

असम राज्य (Aasam State)

असम राज्य प्राकृतिक संसाधनों का धनी प्रदेश है। असम पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) का सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी गुवाहाटी को पूर्वोत्तर का गेटवे भी कहा जाता है। नीलांचल पर्वत पर माँ कामाख्या शक्तिपीठ, संसार का सबसे बड़ा नदीद्वीप माजुली, काजीरंगा नेशनल पार्क, बिहू नृत्य सहित अनेक वजहों से ये पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। असम की चाय दुनिया भर में फेमस है तो बांस से बनी वस्तुएँ भी देखने लायक होती हैं। मुंगा और पाट रेशम भी टूरिस्टों को खूब पसंद आते हैं।

Aasam Tourism असम के बारे में जानें

त्रिपुरा राज्य

त्रिपुरा पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) का एक राज्य है। त्रिपुरा के लोगों का रहन-सहन बंगाल और असम से मेल खाता है। यहाँ का शाही उज्जयंता पैलेस काफी लोकप्रिय है। जो 1901 में महाराजा राधाकिशोर माणिक्य द्वारा बनवाया गया था। सूर्योदय-सूर्यास्त और प्राकृतिक दृश्यों के लिए पर्यटक त्रिपुरा आते हैं। भुवनेश्वरी मंदिर, पक्षी विहार सेपाहीजाला, नीर महल, झील महल, हिंदू और बौद्ध मूर्तियों के लिए पिलाक, कमला सागर काली मंदिर, दंबूर झील जैसी प्रमुख पर्यटक स्थल त्रिपुरा में आकर्षण का केंद्र हैं। त्रिपुरा में रेशम के साथ-साथ बेंत और बांस से बनी वस्तुओं का कारोबार होता है, सैलानी को ये खूब पसंद आते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार जुड़ा है।

अरुणाचल प्रदेश राज्य

अरुणाचल एक ऐसा राज्य है जहां सूर्य की किरणें सबसे पहले पहुंचती हैं। अमूमन कड़क ठंड वाला स्थान तवांग पर्यटकों को काफी पसंद आता है। कहा जाता है कि अरुणाचल के लोग उत्सव प्रेमी होते हैं। इस राज्य के ज्यादातर भू-भाग पर जंगल ही है। ये वन्यजीवों की अलग-अलग प्रजातियों के लिए ख़ासा प्रसिद्ध है। यहाँ करीब 25 जनजातियां और उपजातियां रहती हैं। अरुणाचल के दर्शनीय स्थलों में तवांग के अलावा दिरांग, बोमडिला, टिपी, मालुकपोंग, इटानगर, दापोरिजो, आलोंग, पासीघाट, मालिनीथान, जीरो, तेजु जैसे स्थान मुख्य हैं। यहां बेंत और बांस से बनी चूडि़याँ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। साथ ही ज्यामितिक नमूने वाली शॉलें भी बाजारों में खूब बिकती है और सैलानी उन्हें खूब पसंद करते हैं।

मिजोरम (Mizoram)

मिजोरम पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) का एक प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। ये पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) के शांति उद्यान के रूप में जाना जाता है। मिजोरम में सालों भर बेहतरीन मौसम रहता है। इसकी राजधानी आइजोल है जहाँ की प्राकृतिक छटा देखने लायक है। तामदिल झील, झरनों के लिए वानतांग, ट्रेकिंग के लिए फांगशुई, छिमतुईपुई नदी पर फिशिंग के लिए सैहा और लुंगली यहाँ ख़ास लोकप्रिय जगहों में शामिल है। जीव-जंतुओं को देखने के लिए नेशनल पार्क समेत कई अभयारण्य भी मौजूद हैं। मिजोरम में पत्तों और बांस से बने वाटरप्रूफ हैट लोकप्रिया हैं।

मेघालय (Meghalaya)

मेघालय पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) का एक बहुत शानदार टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। जैसा कि मेघालय के नाम से ही साफ है कि मेघालय यानी मेघों का घर है। विश्व में सबसे अधिक बारिश वाला क्षेत्र चेरापूंजी इसी राज्य में पड़ता है। वाडर्स लेक, लेडी हाइदरी पार्क, स्वीट और एलिफेंट फाल्स और गुफा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वन आधारित उत्पादों जैसे बेंत, बांस हथकरघा और हस्तशिल्प (Handicrafts) की वस्तुओं, फलों से बाजार गुलजार रहते हैं। मेघालय में हमेशा बारिश का मौसम बना रहता है। यहाँ आमतौर पर हाथ से बुनी शॉलें, टोकरियां, बेंत की चीजें, शहद सहित कई कुदरती उत्पाद मिलते हैं।

मणिपुर (Manipur)

मणिपुर पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) का एक राज्य है। ये नृत्य कला के मामले में देश-दुनिया में खासा प्रचलित है। यहाँ के लोग त्योहार पसंद हैं लिहाजा सालभर कुछ ना कुछ त्योहार चलता रहता है। इस छोटे से राज्य का अधिकतर भू-भाग जंगलों से घिरा हुआ है। मणिपुर घाटियों की सुंदरता के साथ ही पोलो खेल को लेकर भी वर्ल्ड फेमस है। कहा जाता है कि अंग्रेजों ने मणिपुर के लोगों से ही पोलो सीखी थी। मणिपुर की राधाकृष्ण गुड़िया बेहद पसंद की जाती है। इसके अलावा हथकरघे ((Handicrafts) पर बनी शालें, चादरें और कंबल काफी फेमस है।

नागालैंड (Nagaland)

नगालैंड प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपनी अनूठी संस्कृति के लिए जाना जाता है। नागालैंड के लोग कला और शिल्प में माहिर होते ही हैं। ये युद्ध कौशल में पारंगत होते हैं। अजीब वेशभूषा को लेकर भी नगालैंड के लोग पहचाने जाते हैं। इसकी राजधानी कोहिमा एक बेहतरीन हिल स्टेशन है। राज्य में करीब 16 जनजातियों और उपजातियों निवास करते हैं। नगालैंड की महिलाएँ कातने, बुनने और कपड़ा रंगने में माहिर होती हैं। यहाँ की तीन टुकड़ों में बनने वाली शॉल खूब पसंद की जाती हैं।

सिक्किम (Sikkim)

पूर्वोत्तर या नॉर्थ-ईस्ट (North East) का सिक्किम टूरिस्टों के बीच काफी लोकप्रिय जगह है। यहाँ प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही फूलों के बगान देखने लायक होते हैं। विश्व की तीसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी कंचनजंगा सिक्किम में ही मौजूद है। पहाड़ों, जलाशयों, बगीचों वाला राज्य सिक्किम पूर्वोत्तर की खूबसूरती में चार चाँद लगाता है। सिक्किम में हाथ से बनी चीज़ों को आप बाज़ार से खरीद सकते हैं जिनमें गलीचे, कलाकृतियाँ, लेपचा शैली की शॉलें और टेबल मुख्य हैं।