Kanwar Yatra: हरिद्वार में 2 साल बाद शुरू हुई कांवड़ यात्रा

kanwar yatra 2022

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा 2022 (kanwar yatra ) की शुरुआत हो गई है। कोरोना महामारी की वजह से 2 साल तक कांवड़ यात्रा स्थगित रही थी। मगर इस बार कांवड़ यात्रा 2022 (kanwar yatra 2022) को कराने की इजाजत मिली थी। इसलिए हरिद्वार में मेला प्रशासन की तरफ से कांवड़ यात्रा पुख्ता तैयारियां की गई हैं। इस बार कांवड़ यात्रा ((kanwar yatra 2022 date ) पर करीब 4 करोड़ कांवड़ियों के पहुंचने की उम्मीद है। कांवड़ यात्रा के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ही डीजे बजाने के लिए कहा गया है। मेला प्रशासन की तरफ से कांवड़ियों से अपील की गई है कि वो ज्यादा आवाज में डीजे ना बजाएं। तो वहीं 7 फीट से ऊंची कांवड़ लाने पर भी पाबंदी लगा गई है।

कांवड़ यात्रा कब है?

सावन महीने के शुरू होते ही कांवड़ यात्रा (kanwar yatra kab hai) की शुरुआत हो जाती है। 26 जुलाई यानी महाशिवरात्रि के दिन कांवड़ यात्रा का समापन होगा। करीब 15 दिनों तक कांवड़ यात्रा चलेगी। 14 जुलाई (kanwar yatra date)  से शुरू हो चुकी है, कांवड़ यात्रा (kanwar yatra kab hai 2022) को लेकर हरिद्वार में व्यापारी भी तैयारियां कर रहे हैं। कांवड़ बनाने का काम तेजी से चल रहा है।

कांवड़ यात्रा 2022 की शुरुआत

क्या होगा कांवड़ यात्रा का रूट (kanwar yatra route)

कांवड़ यात्रा पर पैदल हरिद्वार जाने के लिए कांवड़ियों को गंग नहर की पटरी (kanwar yatra route) से होकर गुजरना होगा। गंगनहर कांवड़ पटरी (gangnahar kanwar patri) की शुरुआत मुरादनगर स्थित छोटा हरिद्वार से होती है और ये कांवड़ पटरी सीधे हरिद्वार तक गंग नहर के किनारे किनारे पहुंचती है। कांवड़ पटरी पर बेहद ही शानदार रोड बनाया गया है। जिस पर चलने में कोई परेशानी नहीं होगी। कांवड़ पटरी पर कांवड़ियों के लिए जरूरी सुविधाओं जैसे बाथरुम, ठहरने के लिए टेंट, पानी की सुविधा मौजूद हैं।

जबकि हरिद्वार जाने वाले वाहन के लिए भी रूट प्लान (kanwar yatra route) तैयार किया गया है। दिल्ली की तरफ से आने वाले वाहन मंगलौर होते हुए लक्सर से होकर हरिद्वार जाएंगे। जबकि सहारनपुर से आने वाले वाहनों के लिए फिलहाल वाया कलियर रूट प्लान तैयार किया गया है।

कांवड़ यात्रा की हुई शुरुआत

सावन की महाशिवरात्रि कब है

इस बार सावन की महाशिवरात्रि (kanwar yatra 2022 mahashivratri) 26 जुलाई को पड़ रही है। 26 जुलाई को कांवड़िए भगवान शंकर को सावन के महीने में सबसे बड़ा जलाभिषेक करेंगे। सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि (kanwar yatra 2022 shivratri) को सावन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। चूंकि पूरा श्रावण मास शिव पूजा करने के लिए समर्पित है, सावन शिवरात्रि अत्यधिक शुभफलदायी मानी जाती है।

सावन में क्यों करते हैं भगवान शंकर को जलाभिषेक

माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शंकर ने अपने कंठ में धारण कर लिया था। जिससे भगवान शंकर का कंठ नीला पड़ गया था। मान्यता है कि सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।

कांवड़ यात्रा 2022 का समापन कब होगा (kanwar yatra 2022 end date)

वैसे तो पूरे सावन ही शिवलिंग पर जलाभिषेक होता है। मगर कांवड़ यात्रा के दौरान जलाभिषेक की विशेष मान्यता है। 14 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है 26 जुलाई महाशिवरात्रि ((kanwar yatra 2022 mahashivratri) के दिन तक कांवड़ यात्रा चलेगी। इस तरह से देखा जाए तो कांवड़ यात्रा का समापन (kanwar yatra 2022 end date) 26 जुलाई को होगा। 26 जुलाई कांवड़ यात्रा के संचालन (kanwad yatra 2022 end date) की आखिरी तारीख होगी।

kanwad yatra 2022

कांवड़ यात्रा पर अपडेट (kanwar yatra 2022 update) ये है कि इस बार उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा के संचालन को हरी झंडी दी है। कोरोना महामारी से पहले तक जिस तरह से कांवड़ यात्रा चलती है ठीक उसी तरह से इस बार भी कांवड़ यात्रा का संचालन होगा।

हिंदी में जानिए कांवड़ यात्रा 2022 (kanwar yatra 2022 in hindi)

कांवड़ यात्रा को आसान भाषा में समझाने के लिए हमने उसे हिंदी भाषा में आसान तरीके से लिखा

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