

क्षेत्रीय पशुपालकों को उनके उत्पादो के लिए स्थाई बाजार उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ ही पशुपालकों की आय में वृद्धि करना है।
पशु चिकित्साधिकारी कहते है कि इस योजना के तहत स्वास्थ्य एवं गुणवत्ता परीक्षण करके समयबद्ध आपूर्ति श्रृंखला स्थापित कर आईटीबीपी को ताजा उत्पाद पहुँचाना है। आईटीबीपी को उच्च गुणवत्ता का ताजा एवं समय पर खाद्य पदार्थ मिल रहा है। स्थानीय पशुपालकों को अपने उत्पादों के लिए स्थायी बाजार उपलब्ध हो रहा है। दोनों पक्षों के बीच विश्वास एवं सहयोग बड़ रहा है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी समर्थन प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत रोजगार के माध्यमों में वृद्धि हो रही है जिसके फलस्वरूप ग्रामीण पलायन को रोकने में यह योजना सहायक है। उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ की आपूर्ति उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाली जाने वाली भेड़ व बकरियों को हरा चारा उपलब्ध होता है और कोई भी रासायनिक आहार नही दिया जाता है, जिससे जैविक मीट की आपूर्ति की जाती है। यह योजना ना केवल आईटीबीपी जवानो के स्वास्थ्य और संतुष्टि को सुनिश्चित कर रही हैं, बल्कि क्षेत्रीय पशुपालकों के लिए भी एक आर्थिक संबल बन रही है। भविष्य में मांग बढ़ने से पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी। इस पहल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भविष्य में विस्तार करने की योजना बनायी जा रही है।