Timmersain mahadev Yatra 2024: शायद ये कम ही लोग जानते होंगे कि उत्तराखंड में अमरनाथ के ही जैसी एक गुफा स्थित है, जहां बर्फ का हिमलिंग बनता है। इसे छोटे अमरनाथ के नाम से भी जाना जाता है। मगर ये जगह लोगों के आंखों से अब तक ओझल है। तो चलिए आपको कराते हैं छोटे अमरनाथ के दर्शन
टिम्मरसैंण महादेव की गुफा नीती घाटी के अंतिम गांव नीती में स्थित है। अमरनाथ की भांति ही यहां भी एक गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग की आकृति उभरती है। उत्तराखंड में चीन सीमा क्षेत्र में स्थित नीती घाटी की टिम्मरसैंण महादेव गुफा में अमरनाथ के जैसा ही हिम लिंग बनता है, यहां पर भी एक अमरनाथ के जैसी ही गुफा मौजूद है जिसमें बर्फ से शिव लिंग बनता है।
टिम्मरसैंण महादेव कैसे पहुंचे
टिम्मरसैंण महादेव की गुफा नीती घाटी के अंतिम गांव नीती में स्थित है। अमरनाथ की भांति ही यहां भी एक गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग की आकृति उभरती है। नीती घाटी के ग्रामीण गुफा में नित्य पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए चमोली जनपद के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु आ रहे हैं।
खुद बनता है दस फीट ऊंचा बर्फ का शिवलिंग
गुफा में करीब 10 फीट तक ऊंचे शिवलिंग के दर्शन होते हैं। इस पर पहाड़ी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है। इसी शिवलिंग के पास बर्फ पिघलने के दौरान हर साल बर्फ शिवलिंग का आकार लेता है। जिसे छोटे अमरनाथ या टिंमरसैंण महादेव के नाम से जाना जाता है।
टिम्मरसैंण में पहाड़ी में बनी गुफा के अंदर बनता है हिमलिंग
लोग इसे कुदरत का करिश्मा ही मानते हैं कि सर्दियों में भारी बर्फबारी के बाद यहां पहाड़ी से टपकने वाला पानी बर्फ बनकर शिवलिंग का आकार ले लेता है। कहा जाता है कि बर्फबारी ठीक हो तो शिवलिंग की ऊंचाई तकरीबन पांच फुट तक पहुंच जाती है। बर्फ का शिवलिंग अप्रैल तक रहता है।
टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा का सही समय क्या है? (What is the right time to visit Timmersain Mahadev?)
जोशीमठ-मलारी हाईवे पर नीती गांव के समीप तीन किलोमीटर की पैदल दूरी पर टिम्मरसैंण गुफा स्थित है और यहां दिसंबर से मार्च माह तक गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं। यहां बाबा बर्फानी शिवलिंग के आकार में उभरते हैं।
टिम्मरसैंण महादेव की गुफा तक कैसे पहुंचे जा सकता है? (How to reach Timmersain Mahadev Cave)
जोशीमठ-मलारी हाईवे तक वाहन से पहुंचा जा सकता है। यहां से तीन किमी पैदल यात्रा कर टिम्मरसैंण गुफा तक पहुंचकर बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं। बाबा बर्फानी के दर्शनों के साथ यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी मनमोहक है।
टिम्मरसैंण महादेव क्यों खास है?
दरअसल टिम्मरसैंण महादेव में ठीक वैसा ही हिमलिंग बनता है जैसा की अमरनाथ गुफा जो कि जम्मू-कश्मीर में स्थित है वहां पर बनता है। चूंकि अमरनाथ यात्रा पर हर साल सीमित संख्या में ही यात्री यात्रा कर सकते हैं इसलिए वहां पर जाना ना सिर्फ बहुत कठिन है बल्कि रास्ता भी बेहद मुश्किल है। ऐसे में आस्थावान लोग अगर अमरनाथ की यात्रा नहीं कर सकते हैं तो वे टिम्मरसैंण महादेव आ सकते हैं। कहते हैं यहां भी ठीक वैसा ही पुण्य मिलता है जैसा की अमरनाथ की यात्रा पर मिलता है।
टिम्मरसैंण महादेव के दर्शन के लिए कहां कराएं आवेदन
टिम्मरसैंण महादेव की गुफा चूंकि भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित है, इसलिए यहां पर सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहां के लिए इनर लाइन परमिट की जरुरत पड़ती है। चूंकि ये बॉर्डर वाला इलाका है इसलिए यहां तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को परमिट इश्यू करवाना पड़ता है। तभी जाकर पर्यटक टिम्मरसैंण तक जा सकते हैं। इसके लिए इनर लाईन परमिट लेना होता है जो कि चमोली जिला प्रशासन के द्वारा इश्यू किया जाता है। कोई भी समस्या आने पर आप चमोली जिला प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं।
फोन नंबर – 01372-251437, 1077
मोबाइल 9068187120, 7055753124
टिम्मरसैंण महादेव जाने के लिए कहां से लें इनर लाइन परमिट
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((Application Form for Timmersain Mahadev Temple’s Journey))