उत्तराखंड में होम स्टे के काम से जुड़े और कमाएं लाखों में

उत्तराखंड में होम स्टे योजना बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा जरिया बन रहा है। इसकी तारीफ खुद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में की थी। तो चलिए आपको बताते हैं कि होम स्टे क्या है और इसे शुरू करने के लिए शर्ते कौन कौन सी हैं।:

अतिथि उत्तराखण्ड गृह आवास (होम स्टे) नियमावली के माध्यम से राज्य के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ दूरस्थ पर्यटक क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु, स्तरीय आवासीय सुविधा बढ़ाने, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और भवन स्वामियों को अतिरिक्त आय का स्त्रोत उपलब्ध कराये जाने मकसद से होम स्टे योजना राज्य सरकार की तरफ से शुरू की गई है। होम स्टे नियमावली’ के शुभारंभ के पीछे मूल विचार विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए एक साफ और किफायती और ग्रामीण क्षेत्रों तक स्तरीय आवासीय सुविधा प्रदान करना है। इससे विदेशी पर्यटकों को भी एक भारतीय परिवार के साथ रहने उनकी संस्कृति का अनुभव और परंपराओं को समझने और भारतीय/उत्तराखण्डी व्यंजनों के स्वाद के लिए एक उत्कृष्ट अवसर मिलेगा

होम स्टे क्या होता है

होम स्टे दरअसल पर्यटकों के रुकने के लिए जगह को ही कहा जाता है। जैसे की किसी शहर में होटल होते हैं। मगह ये होटल तैयार किए जाते हैं। मगर होम स्टे पहाड़ों में बने बनाए घर को थोड़ा मोडिफाइड कर और मॉर्डन लुक देकर तैयार किया जाता है। जैसा की होम स्टे नाम से ही प्रतीत होता है, होम यानी घर स्टे यानी रुकना, मतलब किसी घर में रुकना।

होम स्टे का क्या फायदा है

होम स्टे कॉन्सेप्ट सरकार की तरफ से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से शुरू किया गया है। जिससे की स्थानीय लोगों के पर्यटकों को अपने यहां पर रुकवाने से आमदनी हो और पर्यटकों को पहाड़ में रुकने के लिए नेचुरल फीलिंग हो।

होम स्टे के लिए आवेदन कैसे करें

होम स्टे के लिए आवेदन करने के लिए आप उत्तराखंड टूरिज्म की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उत्तराखंड सरकार की पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप जानकारी भी ले सकते हैं।

Registration (uttarakhandtourism.gov.in)

होम स्टे के लिए आवेदन करने के लिए शर्तें

1- आवासीय इकाई पूर्णत आवासीय परिसर हो और भवन का मालिक अपने परिवार के साथ उसमें निवास करता हो।

2- होम स्टे में किराए पर उठाने वाले कक्षों की अधिकतम संख्या 6 और न्यूनतम संख्या एक कक्ष की होगी। किसी भी कक्ष में चार से ज्यादा बेड नहीं लगाए जा सकते हैं।

3- हर होम स्टे में शौचालय का निर्माण करना अनिवार्य है। जबकि बिजली, पानी और हवादार होना जरूरी है।

4- होम स्टे में पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होना चाहिए। ये शहरी क्षेत्र में अनिवार्य है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे संचालक की इच्छा पर निर्भर है।

5- होम स्टे के लिए शहरी क्षेत्र में विकास प्राधिकरण/स्थानीय निकास और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान द्वारा इस योजना के पंजीकरण के लिए एनओसी प्रमाण-पत्र होना जरूरी है।

6- शौचालयों की साफ सफाई और कूड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी होम स्टे संचालक की होगी

7- होम स्टे के लिए आवेदन करने के बाद समिति निरीक्षण करेगी, अगर कोई कमी पाई जाती है तो उसे पूरा करने के लिए निश्चित अवधि दी जाएगी, जिसमें सभी मानकों को पूरा करना होगा। समिति के संतुष्ट ना होने की दिशा में आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

7- क्षेत्रीय या जिला पर्यटन विकास अधिकारी पंजीकरण के लिए सभी कार्यवाही आवेदन मिलने की तारीख के 30 दिन की समय सीमा के भीतर पूरा करायंगे।

8- होम स्टे में रिसेप्शन काउंटर नहीं लगाया जाएगा, होम स्टे को सामान्य घर की तरह से रखा जाएगा।

9- कोई ऐसी गतिविधि नहीं होगी जिससे आस पास के लोगों को परेशानी हो।

10- निर्धारित आवासीय दरों की सूचना जिला विकास पर्यटन अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध होना जरूरी है।

11- निर्धारित दरों को भवन के उचित स्थान पर प्रदर्शित करना जरूरी है।

12- गृह आवास में पर्यटकों के रहने के लिए अधिकतम अवधि 15 दिन निर्धारित की गईहै। अगर कोई पर्यटक इस अवधि से अधिक रहना चाहता है तो इस स्थिति में पुन पंजीकरण करना होगा।

13- आने वाले पर्यटकों की संख्या हर महीने की 5 तारीख को जिला पर्यटन विकास कार्यालय में उपलब्ध करानी होगी।

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