-एनएसयूआई ने किया मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने का विरोध
हरिद्वार। मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर निजी संस्था को सौंपने का एनएसयूआई ने विरोध जताया है। प्रैस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष याज्ञिक वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया निर्णय जनहित में नहीं है। बीजेपी सरकार ने शिक्षा का बाजारीकरण कर दिया है। सरकारी मेडिकल कालेज का निजीकरण किया जा रहा है। इससे भविष्य के चिकित्सक और सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले प्रभावित होंगे। एनएसयूआई मेडिकल छात्रों के साथ है और उनके आंदोलन, मांगों का समर्थन करती है। याज्ञिक वर्मा ने आरोप लगाया कि मेडिकल कालेज को निजी हाथों में सौंपे जाने का विरोध कर रहे छात्रों को प्रशासन परेशान कर रहा है। आंदोलन करने वाले छात्र छात्राओं को कालेज से हटाने की धमकियां दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह मेडिकल कालेज का संचालन नहीं कर सकती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अभी सरकार छात्रों को फीस नहीं बढ़ाने का आश्वासन दे रही है। लेकिन अगले बैच के लिए क्या व्यवस्था होगी। इसके बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
