Ankit Saklani: देहरादून का रहने वाला अंकित सकलानी पिछले कई दिन से लापता है, मर्चेंट नेवी की नौकरी पर गया उत्तराखंड का युवा अंकित सकलानी वर्तमान में जीवित है या नहीं ? इसकी पुष्टि नहीं हो रही है। जाहिर है परिवार के लोगों की चिंता बढ़ी हुई है, परिजनों किसी अच्छी खबर का इंतजार कर रहे हैं। मगर ये कब कब मिलेगी और कौन देगा कहना मुश्किल है, परिवार के लोग बस ऊपर वाले से दुआ कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक हो और अंकित सही सलामत घर लौट आए।
देहरादून के नेहरूग्राम लोअर गढ़वाली कॉलोनी में रहने वाले अंकित सकलानी मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं। वे एक निजी कंपनी के शिप से रूस से तुर्की जा रहे थे। इस दौरान वे अपनी पत्नी को आठ दिनों से फोन कर लगातार अपनी परेशानियां बता रहे थे। अंकित ने 10 दिसंबर को पत्नी को फोन कर कहा था कि वो काम छोड़कर वापस आना चाहता है। साथ ही अंकित ने ये भी कहा था कि अगर उसे कुछ होता है तो इसके लिए शिप के क्रू मेंबर जिम्मेदार होंगे। अंकित ने वीडियो भेज कर अपनी हत्या की आशंका जताई थी।
उत्तराखंड पुलिस दर्ज नहीं कर रही FIR
मसला इसलिए और गंभीर है कि इस मामले में पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है। देहरादून पुलिस ने अंकित के परिजनों से कहा दिया है कि मामला दो देशों के बीच का है, इसलिए मुक़दमा नहीं लिखा जा सकता। ये जानकारी खुद अंकित के भाई निशांत ने दी है। मगर उत्तराखंड पुलिस को ये जानना जरूरी है कि इस तरह के मामले में पहले भी कई जगह पर मामला दर्ज हो चुका है। गाजियाबाद के थाना कवि नगर में 20.10.2021 को बिलकुल इसी तरह के मामले में महिला ने अपने पति की हत्या की FIR में एंग्लो इस्टर्न शिप कमनी समेत 22 लोगों को नामज़द किया था। ये FIR कोर्ट के आदेश पर हुई थी। दूसरा मामला भी गाजियाबाद के विजयनगर थाने में 13.11.2021 को दर्ज हुआ। ये FIR पुलिस ने फिर उत्तराखंड पुलिस को भी क्या FIR दर्ज नहीं करनी चाहिए।
शिप मैनेजर का आया फोन – अंकित समुद्र में कूद गया
18 दिसंबर को अंकित की पत्नी पिंकी को शिप मैनेजर का फोन आया कि अंकित ने समु्द्र में कूदकर आत्महत्या कर ली है। अंकित के भाई निशांत का कहना है कि शिप पर अंकित बीते एक दिसंबर को ही जॉइन किया था। आठ दिन बाद से लगातार वो फोन करके अपनी परेशानियां बता रहा था। 10 दिसंबर को अंकित ने अपनी पत्नी को फोन कर कहा था कि वापस आना चाहता है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी से लगाई गुहार
18 दिसंबर को जब अंकित की खुदकुशी की खबर आई तो घरवाले हैरान रह गए। जब अंकित 18 को शिप से बाहर होने वाला था तो आत्महत्या करने का कोई मतलब ही नहीं है। परिजनों का ये भी कहना है कि अंकित की हत्या हुई है या अपहरण। इस बारे में न तो कंपनी कुछ बता रही और न ही सरकार उनकी कोई मदद कर रही है। बताया जा रहा है कि फिलहाल शिप तुर्की में ही पोर्ट पर खड़ा है। अंकित के भाई निशांत का कहना है कि वो इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी गुहार लगा चुके हैं। विदेश मंत्रालय के अलावा तुर्की दूतावास को भी पत्र भेजा है, पर कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है। अंकित के घर में माता-पिता के अलावा पत्नी और तीन साल की बेटी है। अंकित के साथ घटी घटना से परिजन भी सदमे में हैं