Deepak Singh: जहां एक तरफ पूरा देश जश्न-ए-आजादी मना रहा था वहीं देवभूमि के एक लाल दीपक सिंह की शहादत ने पूरे उत्तराखंड के साथ देश झंकझोर कर रख दिया। एक तरफ जब देश प्रदेश में तिरंगा फहराया गया तो वहीं दूसरी एक बेटा तिरंगा में लिपट कर आया। स्वतंत्रता दिवस के दिन देहरादून एयरपोर्ट पर कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर लाया गया। देहरादून एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने शहीद बेटे को को श्रद्धांजलि दी।
48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह देहरादून के कुआंवाला में रहते थे। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में वे शहीद हो गए थे। दीपक सिंह का पार्थिव शरीर सेना के विशेष विमान से जम्मू से दोपहर करीब एक बजे देहरादून एयरपोर्ट पर लाया गया। शहीद दीपक सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। जिसके बाद कैप्टन दीपक सिंह के पार्थिव शरीर को सेना के ट्रक द्वारा देहरादून ले जाया गया।
जम्मू-कश्मीर में डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून के कैप्टन दीपक सिंह के बलिदान होने पर गहरा दुख प्रकट किया। कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर दून लाए जाने पर वह श्रद्धांजिल देने पहुंचे। कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैन्य भूमि उत्तराखंड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जी को नमन।