Dehradun News/Congress Protest: उत्तराखंड में कांग्रेस ने BJP सरकार के खिलाफ एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। शनिवार का दिन था और राजधानी देहरादून की सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हंगामे का शोर सुनाई दे रहा था। महिला सुरक्षा, बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और जबरदस्त हंगामा देखने को मिला।
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महिला उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोला
उत्तराखंड में महिला उत्पीड़न के आरोप को लेकर कांग्रेस महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने राजधानी देहरादून में सीएम आवास कूच किया। इस विरोध प्रदर्शन में हरीश रावत, हरक सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, रावत भी शामिल हुए।
कांग्रेस के कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच की कोशिश की। कांग्रेस की रैली राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन से होते हुए दिलाराम चौक और फिर हाथी बड़कला पहुंची।
मगर हाथी बड़कला में पहले ही से ही मौजूद पुलिस ने कांग्रेसियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही बैठ गए और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस की नोकझोंक
पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच रहीं कांग्रेस की महिला प्रदर्शनकारियों को रोक लिया इस दौरान पुलिस और कांग्रेस महिला कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
मामला शांत करने के लिए पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला, कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट समेत 30 से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया है।
कांग्रेस के निशाने पर उत्तराखंड की बीजेपी सरकार
प्रदर्शन में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महिला सुरक्षा को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। हरीश रावत ने आरोप लगाया सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहा है। अंकिता भंडारी को अभी तक भी इंसाफ नहीं मिला है।
उधर यशपाल आर्य और गणेश गोदियाल समेत दूसरे नेताओं ने भी बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के साथ दुष्कर्म, उत्पीड़न और अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है।