Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में प्रचार में जुटे हुए हैं। इस कड़ी में सीएम पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को बसोहली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बसंतपुर पहुंचे।
यहां सीएम धामी ने भाजपा प्रत्याशी दर्शन सिंह के पक्ष में आयोजित जनसभा में संबोधित किया। मुख्यमंत्री धामी ने लोगों से कहा कि कश्मीर के सुनहरे भविष्य के लिए भाजपा के पक्ष में मतदान करें।
जम्मू-कश्मीर की बसोहली सीट का सियासी समीकरण
जम्मू कश्मीर की बसोहली विधानसभा सीट 2014 में भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी, लेकिन 2024 में हालात अलग हैं। जम्मू कश्मीर में 2014 के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और इस दौरान घाटी के हालात काफी हद तक बदले हैं। जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है और यहां से धारा 370 हट गई है। नया परीसीमन हुआ है और अरक्षित सीटें बदल गई हैं। कई पुरानी सीटों का अस्तित्व खत्म हो चुका है और नई सीटें बन गई हैं। ऐसे में बसोहली की लड़ाई भी रोचक बन गई है।
जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को चुका है, जबकि दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर तो तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होना है। बसोहली विधानसभा सीट पर भी तीसरे चरण में वोटिंग होगी।
जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में सात सीट एससी और नौ सीट एसटी के लिए आरक्षित हैं। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 88,66,704 है। इनमें से 4,27,813 युवा मतदाता हैं, जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। यहां मतदान के लिए 11838 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
बसोहली विधानसभा सीट पर कब है मतदान
बसोहली विधानसभा सीट अनारक्षित है और यहां तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को मतदान होना है। भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में बसोहली सीट पर जीत हासिल की थी। तब इस सीट पर 73.84 फीसदी मतदान हुआ था। बीजेपी के लाल सिंह ने जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय पार्टी के दविंदर सिंह को 17804 वोट के अंतर से हराया था। लाल सिंह को 29808 वोट मिले थे। वहीं दविंदर सिंह को सिर्फ 12007 वोट मिले थे। इस बार बीजेपी के खिलाफ कश्मीर में लहर है और क्षेत्रीय पार्टियों को ज्यादा समर्थन मिल रहा है, लेकिन इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी पिछला प्रदर्शन दोहराते हुए फिर जीत हासिल कर सकती है।
कैसा है जम्मू-कश्मीर की बसोहली सीट का वोटर
बसहोली सीट जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। यहां का वोटर आधार ग्रामीण और अर्ध-शहरी है, जो विकास के मुद्दों पर अधिक ध्यान देता है। हर चुनाव में यहां का समीकरण बदलता है, जो इस सीट को और भी दिलचस्प बनाता है।