

Khateema News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री ने खटीमा ने अपने हाथ से पौधा लगाया। पौधारोपण के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (pushkar dhami) ने पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। साथ ही सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई भी दी।
हरेला पर्व के बारे में जानिए
प्रकृति को समर्पित उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला हर साल सावन महीने के पहले दिन मनाया जाता है।
हरेला का शाब्दिक अर्थ है ‘हरियाली’. वैसे तो उत्तराखंड में हरेला पर्व साल में तीन बार मनाया जाता है। चैत्र माह में, श्रावण माह में और अश्विन माह में। लेकिन सावन महीने में मनाए जाने वाले हरेला पर्व का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि, ये महीना भगवान शिव को समर्पित होता है
- चैत्र माह में हरेला नवरात्रि के प्रथम दिन बोया जाता है और नवमी के दिन काटा जाता है।
- श्रावण माह में हरेला सावन लगने से 9 दिन पहले आसाढ़ माह में बोया जाता है और दस दिन बाद सावन के प्रथम दिन काटा जाता है।
- आश्विन माह में नवरात्रि के प्रथम दिन हरेला बोया जाता है और दशहरा के दिन काटा जाता है।