

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार की शिकायत पर सघन जांच के साथ कठोर कार्यवाही भी की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए की शिकायतकर्ता की गोपनीयता बनी रहे और भ्रष्टाचार की शिकायत होने पर यदि वह सही पाई जाती है, तो शिकायतकर्ताओं को प्रोत्साहित भी किया जाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी बनाये जाएं और उनको प्रशिक्षण भी दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण में सभी विभाग विजिलेंस को सहयोग करें।
बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले तीन सालों में कुल 66 लोगों को ट्रैप किया जा चुका है। 72 भ्रष्टाचारियों को हिरासत में भी लिया गया है। राजस्व विभाग, पुलिस और विद्युत विभाग में सबसे अधिक कार्मिक ट्रैप किए गए है। 2025 में टोलफ्री नंबर 1064 एवं वेबसाइट से अब तक 343 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिन पर कार्यवाही गतिमान है। रिवॉल्विंग फंड के तहत ट्रैप की कार्यवाही में शिकायतकर्ताओं को ट्रैप की धनराशि वापस की जाने की प्रकिया शुरू की गई है। जिसमें वर्तमान में 33 लोगों को ट्रैप की धनराशि वापसी की प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, श्री एल. फैनई, श्री आर.मीनाक्षी सुदंरम, निदेशक सतर्कता श्री वी. मुरूगेशन, सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।