writer Neeraj Raathi @jour_mountain
चारधाम यात्रा पर आने की हर हिंदू की ईच्छा होती है। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि चारधामों के दर्शन करने में समय कितना लग सकता है। अगर आप चारधाम यात्रा करने की सोच रहे हैं और आपके मन में सवाल ये होगा कि चारधाम यात्रा पर समय कितना लगता है। ये लेख आपके लिए ही है। शुरू से लेकर आखिर तक पूरा लेख पढ़ें।
चारधाम पर आने वाले तीर्थ यात्री मुख्य रूप से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बदरीनाथ धाम के दर्शन करते हैं। जो यात्री चारधामों के दर्शन के लिए आते हैं वो अपनी यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से करते हैं, उसके बाद गंगोत्री, फिर केदारनाथ और सबसे आखिर में बदरीनाथ धाम की यात्रा होती है। चारधाम यात्रा का यही विधान है। सबसे आखिर में भगवान विष्णु के धाम बदरीनाथ धाम की यात्रा होती है। क्योंकि यहीं से इंसान को मोक्ष मिलता है।
अगर आप एक साथ चारों धाम के दर्शन करते हैं तो इसमें 6 से 8 दिन का समय लग सकता है। 8 दिन में आप अपनी यात्रा बड़े आराम से संपन्न कर लेंगे।
चारधाम यात्र पर आने का प्लान कैसे करें
चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री अपनी यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम के दर्शन से करते हैं। यमुनोत्री और गंगोत्री दोनों ही धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित है। गंगोत्री धाम तक सड़क मार्ग बन गया है जबकि यमुनोत्री धाम जाने के लिए अभी भी 5 किमी की पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। इसलिए यमुनोत्री धाम की यात्रा में कुछ समय लग जाता है। वैसे तो यात्रा यमुनोत्री धाम के दर्शन से होती है मगर आप अपनी सहूलियत और समय के हिसाब से प्लानिंग कर सकते हैं।
चारधाम यात्रा का पहला दिन: अगर आप अपनी यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से करते हैं। आप सुबह 5 बजे हरिद्वार से यात्रा की शुरुआत करते हैं। हरिद्वार से गंगोत्री धाम की दूरी 290 किमी है। हरिद्वार से गंगोत्री धाम तक पहुंचने में 8 से 10 घंटे का समय लग सकता है। सुबह 5 बजे यात्रा शुरू करने पर आप 3 से 4 बजे तक गंगोत्री धाम पहुंच सकते हैं। इसके बाद आप गंगत्री धाम में उसी दिन दर्शन कर सकते हैं और रात्रि में गंगोत्री धाम में विश्राम कर सकते हैं। गंगोत्री धाम में रात के समय रुकने के लिए होटल, धर्मशालाएं उपलब्ध हैं। वो ज्यादा महंगे भी नहीं है। इसके साथ ही गंगोत्री धाम में खाने पीने की कोई समस्या नहीं है। खाने की थाली 70 रुपये से शुरू होकर 300 रुपये तक है।
चारधाम यात्रा का दूसरा दिन: अपनी यात्रा के दूसरे दिन आप गंगोत्री धाम से सुबह यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हो जाए। यमुनोत्री धाम तक पूरी रोड नहीं बन पाई है। यमुनोत्री धाम से 5 किमी पहले जानकrचट्टी तक सड़क बन गई है। गंगोत्री धाम से जानकीचट्टी की दूरी 221 किमी है। इसमें आपको 7 से 8 घंटे तक समय लग सकता है। अगर आप गंगोत्री धाम से सुबह 5 बजे अपनी यात्रा शुरू करते हैं तो 12 से 1 बजे तक आप जानकीचट्टी पहुंच जाएंगे। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक 5 किमी का पैदल रास्ता है। जानकीचट्टी में सभी वाहनों की पार्किंग होती है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक पहुंचने के लिए ज्यादातर यात्री पैदल यात्रा करते हैं। मगर बुजुर्ग यात्री घोड़े खच्चर पर बैठकर ये सफर पूरा करता है। इसमें आपको 2 से 3 घंटे का समय लग सकता है। इस तरह से अगर आप सुबह गंगोत्री धाम से चलते हैं तो आप 4 बजे तक यमुनोत्री धाम पहुंच सकते हैं। यमुनोत्री धाम में रुकने की व्यवस्था कम है इसलिए ज्यादातर यात्री दर्शन के बाद वापस जानकीचट्टी आकर रुकते हैं। इस तरह से आप 2 दिन में ही दो धाम के दर्शन कर लेंगे।
चारधाम यात्रा का तीसरा दिन: गंगोत्री यमुनोत्री के दर्शन के बाद केदारधाम की यात्रा, यमुनोत्री धाम से केदारनाथ यात्रा करने पर आपको सोनप्रयाग पहुंचना होगा। जानकीचट्टी से सोनप्रयाग की दूरी 330 किमी है। अगर आप सुबह 5 बजे यात्रा शुरू करते हैं तो सोनप्रयाग पहुंचने में 12 से 13 घंटे का समय लग सकता है। सोनप्रयाग से हो सकता है आपके वाहन गौरीकुंड तक पहुंच जाए क्योंकि यात्रियों को गौरीकुंड नहीं जाने दिया जाता है। इसलिए आप सोनप्रयाग में ही अपने वाहन पार्क कर दें। इसलिए आपको अपनी यात्रा के तीसरे दिन सोनप्रयाग में ही विश्राम करना चाहिए।
चारधाम यात्रा का चौथा दिन: यात्रा के चौथे दिन आप केदारनाथ धाम के लिए अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं। वैसे तो यात्री गौरीकुंड से ही पैदल यात्रा की शुरुआत करते हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ यात्रा मार्ग 17 किमी का है। अगर आप सुबह 5 बजे यात्रा शुरू करते हैं। आप शाम तक केदारनाथ पहुंच जाएंगे। आप उसी दिन केदारनाथ धाम में दर्शन कर सकते हैं और रात्रि विश्राम वहीं पर करें।
यात्रा का पांचवा दिन– केदारनाथ धाम से आप जितनी जल्द हो सके नीचे उतरने लगे। चूंकि उतरते वक्त चढाई नहीं होगी इसलिए आपको समय कम लगेगा। आप से 5 से 6 घंटे में नीचे आ जाएंगे। अगर आप 12 बजे तक गौरीकुंड आ जाएं तो बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू कर दें। चूंकि आपके वाहन सोनप्रयाग में पार्क होंगे। गौरीकुंड से सोनप्रयाग की दूरी भी करीब 5 किमी है। सोनप्रयाग से बदरीनाथ धाम की दूरी 226 किमी है। आप बदरीनाथ धाम के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दें। अच्छा रहेगा कि आप बदरीनाथ के रास्ते में कहीं पर रात्रि विश्राम कर लें. क्योंकि 226 किमी का सफर तय करने में 6 से 7 घंटे का समय लग सकता है। मेरी सलाह रहेगी कि आप रास्ते में कहीं पर रात्रि विश्राम करें। रास्ते में बहुत होटल मिल जाएंगे।
यात्रा का छठवां दिन- यात्रा के छठे दिन आप जितना जल्द हो बदरीनाथ धाम पहुंच जाए। बदरीनाथ धाम तक सड़क पहुच गई है इसलिए आपको पैदल चलने की भी जरुरत नहीं है। बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के बाद आप बदरीनाथ धाम में घूम सकते हैं और फिर एक रात्रि विश्राम यहां पर भी कर सकते हैं। इस तरह से आप अपनी यात्रा को 6 दिन में संपन्न कर सकते हैं। अगर आप थोड़ा और रेस्ट करें तो यात्रा में 8 दिन लगाकर बड़े आराम से यात्रा संपन्न कर सकते हैं।
जय बाबा केदार, जय बदरी विशाल