Baukhnag Maharaj Doli: आज बाबा बौखनाग की डोली अयोध्या के लिए रवाना हो गई है। मुख्यमंत्री धामी ने डोली को अयोध्या के लिए रवाना किया।
Uttarakhand News/देहरादून: बाबा बौखनाग जी महाराज की डोली को देहरादून से अयोध्या के लिए रवाना किया गया। इस मौके पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुना घाटी के भाटिया गांव से बौखनाग महाराज जी की डोली मंगलवार को अयोध्या के लिए रवाना हो गई है।
पहले पड़ाव के तहत बौखनाग महाराज जी की डोली और सैकड़ों श्रद्धालु देहरादून स्थित परेड ग्राउंड पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बौखनाग महाराज जी की डोली को अयोध्या के लिए रवाना किया। इस मौके पर सीएम धामी ने घोषणा कि बौखनाग मेला को राजकीय मेला किए जाने की जो औपचारिकताएं हैं, वो जल्द ही पूरी की जाएगी।
बौखनाग महाराज आखिरकार कौन हैं?
आपको याद होगा कि जब उत्तरकाशी की सुरंग में काम करने के दौरान 41 मजदूर फंस गए थे तब बाबा बौखनाग काफी सुर्खियों में रहे थे। उत्तरकाशी सिल्कयारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सुरंग के बाहर बनाए गए बौखनाग देवता के मंदिर ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे तमाम एजेंसियों के एक्सपर्ट रोज उनके सामने माथा टेकते थे, उसके बाद वो अपना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करते थे।
स्थानीय लोगों का मानना था कि जिस स्थान पर सुरंग का निर्माण किया जा रहा है वहां प्रोजेक्ट के कारण बौखनाग देवता के प्राचीन मंदिर को हटा दिया गया था, इसलिए बौखनाग देवता के प्रकोप से ही निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में ये हादसा हुआ था। ग्रामीणों की मांग पर टनल के ठीक बाहर बौखनाग देवता के नाम का एक छोटा सा मंदिर स्थापित किया गया था।
बाबा बौखनाग को पहाड़ों का देवता माना जाता है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में इनका मंदिर भी स्थित है। स्थानीय लोगों की इस मंदिर को लेकर बहुत ही आस्था है। मान्यता है जो भी श्रद्धालु नंगे पैर इस मंदिर तक बाबा बौखनाग का दर्शन करने आते हैं, उनकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।
खासकर नव विवाहित और निसंतान लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। कहते हैं कि जिन्हें संतान नहीं हो रही है बाबा बौखनाग के दर्शन से उन्हें संतान प्राप्ति हो जाती है। यहां पर श्रद्धालु आते हैं, प्रार्थना करते हैं और बाबा बौखनाग से अर्जी लगाते हैं।