Alaknanda Nadi: पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश की वजह से बदरीनाथ धाम में अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है। ऐसे में अलकनंदा किनारे के तमाम घाट पानी में डूब गए हैं। अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने को लेकर बदरीनाथ धाम के एक पुरोहित में सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो बता रहे हैं कि कैसे अलकनंदा का पानी बहुत तेजी के साथ बढ़ा है और उससे बदरीनाथ धाम में अलकनंदा घाट पर होने वाले पूजा पाठ का काम प्रभावित हो रहे हैं।
बदरीनाथ धाम के पास से होकर अलकनंदा नदी बह रही है। पिछले कुछ रोज से वैसे से लगातार ही पहाड़ों में बारिश हो रही है, मगर पिछले 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश हुई है, जिस वजह से अलकनंदा नदी का जलस्तर बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है। बदरीनाथ धाम में अलकनंदा नदी उफान मारकर बह रही है। नदी में पानी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि नदी किनारे के ऊंचाई वाले घाट तक नदी का पानी जा पहुंचा है। नदी किनारे पर बने वो घाट जहां बदरीनाथ धाम के पुरोहित पूजा-पाठ करवाते हैं वे पानी में डूब चुके हैं।
अलकनंदा नदी का पानी बढ़ने का मतलब साफ है कि अगले कुछ घंटे में गंगा नदी का पानी भी बढ़ेगा। दरअसल अलकनंदा नदी रुद्रप्रयाग में आकर मंदाकिनी नदी जो कि केदारनाथ से बहकर आती है उससे मिल जाता है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का संगम होता है, यहां से दोनों नदियों के मिलन के बाद आगे मंदाकिनी नदी बहती है, जो देवप्रयाग में जाकर भागीरथी नदी से मिलती है। देवप्रयाग में मंदाकिनी और भागीरथी का संगम होता है, फिर यहीं गंगा नाम पड़ता है। देवप्रयाग से आगे गंगा नाम से पवित्र नदी बहती है, जो गंगा सागर तक जाती है और इस दौरान वो करीब ढाई हजार किमी का सफर तय करती है। जाहिर है अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ना साफ संकेत हैं कि गंगा में भी पानी बहुत तेजी से बढ़ेगा।