Amarnath Yarta 2023: जम्मू-कश्मीर में होने वाली अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। हालांकि अभी यात्रा के लिए पंजीकर शुरू नहीं हुए हैं, उम्मीद है कि जल्द ही पंजीकरण भी शुरू कर दिए जाएंगे। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पुलिस की ओर से सीमांत इलाकों को हाईवे से जोड़ने वाले उन स्थानों की पहचान की जा रही है, जहां पर सुरक्षा की अधिक आवश्यकता है। खासकर जहां यात्रियों के रुकने की आवश्यकता है, वहां पर अतिरिक्त नाके स्थापित करने और बुलेटप्रूफ मोर्चें बनाने पर काम चल रहा है। जम्मू में सीमांत इलाकों में उन चौक-चौराहों और रास्तों की भी पहचान की जा रही है, जहां से आतंकियों की घुसपैठ होने के बाद शहर में घुसने का प्रयास हो सकता है। सूत्रों के अनुसार जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में पुलिस अपने स्तर पर हाईवे पर अतिरिक्त नाके स्थापित कर रही है। ये नाके वहां पर होंगे, जो सीमांत इलाकों को जोड़ेंगे। इन नाकों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टीमों की तैनाती होंगी। (mountains journey)
स्टिकी आईईडी को लेकर सतर्क
लखनपुर से लेकर जम्मू तक जहां भी अमरनाथ यात्रियों (Amarnath Yarta ) के वाहन रुकेंगे वहां विशेष निगरानी होगी। यात्रियों को ये भी सलाह दी जाएगी कि वह अपने वाहन को खड़ा करने और वापस ले जाने के वक्त जरूर जांच लें। हालांकि सुरक्षाबल भी इन जगहों पर पैनी नजर रखेंगे। क्योंकि पिछले कुछ सालों से जम्मू और इसके आसपास इलाकों में स्टिकी बम से संबंधित गतिविधियां बढ़ी हैं।
तैयारियों का बनाया गया है मसौदा
श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर सभी सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षाबलों की बैठक हो चुकी है। इसमें तैयारियों का मसौदा बनाया गया है। इसके आधार पर तीनों जिलों की पुलिस को कुछ जरूरी आदेश दिए गए हैं। इस पर काम चल रहा है। यात्रा की सुरक्षा में हर पुख्ता बंदोबस्त होगा। अतिरिक्त नाकों को स्थापित करने और सीमांत इलाकों के हाइवे को जोड़ने वाले लिंक रोड पर भी नजर है। कुछ ही दिनों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। – शक्ति पाठक, डीआईजी, जम्मू।
अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के लिए 83 डॉक्टर नामित
इस बार अमरनाथ यात्रियों को जम्मू संभाग के दस जिलों के लगभग चिकित्सा केंद्रों पर अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (सीएचसी) की सुविधा मिलेगी। इससे पहले अधिकतर जिला और उपजिला अस्पतालों तक ही यह सुविधा मिलती थी। लेकिन कई चिकित्सा केंद्रों के दूर होने से यात्रियों को सीएचसी के लिए मीलों सफर तय करके दूसरी जगह जाना पड़ता था। अब कई सीएचसी, पीएचसी, ट्रामा, इमरजेंसी अस्पतालों में भी यह सुविधा दी जाएगी। पहली बार 83 डाक्टरों को सीएचसी के लिए नामित किया गया है।
अमरनाथ यात्रा के अग्रिम यात्री पंजीकरण के लिए सीएचसी अनिवार्य होता है। इसके आधार पर ही यात्री का पंजीकरण किया जाता है। सामान्य तौर पर 15 मार्च से बनने सीएचसी मान्य माने जाते हैं। इस बार स्वास्थ्य विभाग ने नामित डाक्टरों और सीएचसी के लिए चिकित्सा केंद्रों का दायरा बढ़ा दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के शेड्यूल में गांधीनगर अस्पताल जम्मू में 4, सरवाल अस्पताल जम्मू में 9, एसडीएच बिश्नाह, सीएचसी आरएस पुरा, एसडीएच अखनूर, पीएचसी डंसाल, एएच चौकी चौरा, एसडीएच कोट भलवाल, सीएचसी मढ़, सीएचसी सुहांजना, सीएचसी खौड़, एसडीएच जगती में 1-1, डीएच सांबा में चार, एएच घगवाल में 2, ईएच विजयपुर में 2, सीएचसी रामगढ़, एसोसिएट अस्पताल जीएमसी कठुआ में 4, एसडीएच बसोहली में 2, एसडीएच परोल में 2, सीएचसी हीरानगर में 2, एसडीएच बिलावर में 2, एसडीएच बनी में 2, टीएच महानपुर में 2 डाक्टर नामित किए गए हैं।
जीएमसी राजोरी में 2, एसडीएच नौशेरा में 2, एसडीएच सुंदरबनी में 1, डीएच पुंछ में 2, एसडीएच मंडी में 2, एनटीपीएचसी कलाबान में 1, पीएचसी द्रगलोन में 1, एनटीपीएचसी सेरी ख्वाजा में 1 डाक्टर नामित किया गया है। इसी तरह एनटीपीएचसी शेंदरा में1, डीएच उधमपुर में 4, सीएचसी चिनैनी में 1, एसडीएच रामनगर में 1, जीएससी डोडा में 2, एसडीएच भद्रवाह में 1, एसडीएच गंदोह में 1, सीएचसी ठाठरी में 1, सीएचसी कटड़ा में 2, डीएच रियासी में 2, सीएचसी बनिहाल, सीएचसी बटोत में 1-1 और डीएच किश्तवाड़ में 2 डाक्टर नामित किए गए हैं। ये सभी डाक्टर सीएचसी जारी करने के लिए मान्य होंगे।
अमरनाथ यात्रा के लिए स्वास्थ्य कार्य योजना तैयार की गई है। इस बार नामित डाॅक्टरों के साथ सीएचसी के लिए चिकित्सा केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है, ताकि स्थानीय यात्री अपने ही क्षेत्र में आसानी से प्रमाण पत्र बनवा सकें।