पौड़ी गढ़वाल के लोगों के लिए अच्छी खबर, कोटद्वार-दिल्ली के बीच जल्द दौड़गी नई ट्रेन
Anil Baluni: उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की एक और पहल रंग लाई है। कोटद्वार से दिल्ली के बीच रेल सेवा की मांग को रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इसे लेकर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट कर जानकारी दी है।
(New train between Kotdwar to Delhi) कोटद्वार-दिल्ली के बीच जल्द ही दूसरी ट्रेन भी पटरी पर दौड़ने वाली है। रेल मंत्रालय ने कोटद्वार-दिल्ली के बीच नई ट्रेन की स्वीकृति दे दी है। मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन के बंद होने के बाद स्थानीय लोग और व्यापारी कोई नई ट्रेन चलाने की मांग कर रहे थे। इसके लिए राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जाताया है।
स्थानीय लोगों की इस परेशानी को राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी नेरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने रखा था। उनसे निवेदन किया था कि रात में कोटद्वार से दिल्ली के बीच कोई ट्रेन चलाई जाए, ताकी लोगों को कुछ सहूलियत मिल सके। इसका रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संज्ञान लिया है और दिल्ली से कोटद्वार के बीच नई ट्रेन को स्वीकृति दे दी है। उम्मीद है कि कोटद्वार से दिल्ली के बीच दूसरी ट्रेन जल्द दौड़ती हुई नजर आएगी, जो गढ़वाल के लिए बड़ी सौगात होगी।
उत्तराखंड के लिए अनिल बलूनी की ये पहली सौगात नहीं है। बलूनी ने राज्यसभा सांसद बनने के बाद केंद्र से कई सौगातें दिलाई है
उत्तराखंड के लिए अनिल बलूनी की बड़ी सौगातें
अनिल बलूनी की कोशिशों से ही नैनी-दून एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन हुआ। उन्होंने राज्य को नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स की अलग से एक बटालियन दिलवाई। साथ ही अपनी सांसद निधि से कोटद्वार और रामनगर के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू वॉर्ड बनवाये। सेना और अर्धसैनिक अस्पतालों में आम जनता को इलाज की सुविधा भी दिलवाई।
इसके साथ ही हजारों विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को केंद्र से नियमों में छूट दिलवाकर बड़ी राहत दी। केंद्र से मसूरी पेयजल योजना के लिए 187 करोड़ मंजूर करवाए। इसके साथ ही टनकपुर से बागेश्वर और कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए सर्वे को मंजूरी दिलाई।
नैनीताल के रामनगर में केंद्र से बस पोर्ट की स्थापना को मंजूरी, राज्य के लिए अलग से दूरदर्शन चैनल की शुरुआत। टाटा ट्रस्ट से बातचीत कर उत्तराखंड में एक कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट की मंजूरी।
रामनगर के पास धनगढ़ी नाले पर पुल का निर्माण, सूचना प्रसारण मंत्रालय से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन को मंजूरी दिलवाई। उत्तराखंड के हाथ से निकल चुके डॉप्लर रडार को फिर से प्रदेश में वापस मंगवाया।
देखा जाए तो बलूनी के कामों के लिए लंबी फेहरिस्त है। इसलिए सूबे के मंत्री भी उनकी तारीफ करते हैं। बलूनी के इन प्रयासों की सराहना राजननीति से जुड़े लोग तो कर ही रहे। बल्कि समाजिक क्षेत्र में काम कर रहे लोग भी मानते है अनिल बलूनी के प्रयासों का उत्तराखंड को बड़ा स्तर पर फायदा मिल रहा है। निल बलूनी का मानना है कि अगर इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी मुमकिन है। वो अपने गृह राज्य से सैकड़ों किमी दूर दिल्ली में जरूर हैं मगर पहाड़ से लिए उनकी चिंता हर पल बनी रहती है।