पवनदीप राजन उत्तराखंड के चंपावत के रहने वाले हैं। उनके पिता सुरेश और ताऊ सतीश राजन ने उन्हें म्यूजिक सिखाया है। दादा स्व. रति राजन भी प्रसिद्ध लोकगायक थे। इसलिए पवनदीप को म्यूजिक विरासत में मिली है। मगर ऐसे नहीं है कि पवनदीप के इस मुकाम तक पहुंचने के मेहनत और संघर्ष नहीं किया। पवनदीप का चंपावत की पहाड़ियों से लेकर मुंबई में इंडियन आइडल तक का सफर बेहद की चुनौतीपूर्ण और संघर्षों से भरा रहा है।
कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने की लगने ही एक सीधे साधे और भोले भाले लड़के को इस मुकाम तक पहुंचाया है। पवनदीप उन युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी मिसाल है जो ये सोचते हैं कि मुंबई में सिर्फ वही लोग अपने पैर जमा पाते हैं जो पैसे वाले और रईस खानदान से होते हैं। मगर पवनदीप को देखकर जीवन में कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिलती है।