
देहरादून: सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया एवं अन्य सदस्यों के साथ बैठक हुई बैठक में उत्तराखण्ड की वित्तीय आवश्यकताओं, संरचनात्मक चुनौतियों और राज्य की विशिष्ट भौगोलिक-सामाजिक परिस्थितियों के आलोक में राज्य का पक्ष प्रस्तुत किया गया।

इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ‘‘इनवॉयरमेंटल फेडरलिज्म’’ की भावना के अनुरूप क्षतिपूर्ति की आवश्यकता एवं वन आच्छादन के दृष्टिगत ‘‘कर-हस्तांतरण’’ में इसके भार को वर्तमान से बढ़ाकर 20% तक किए जाने का सुझाव दिया। सरकार का मकसद राज्य की जैवविविधता-संरक्षण की भूमिका को उचित आर्थिक आधार देना है।
बैठक के दौरान राज्य में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के दृष्टिगत फ्लोटिंग पॉप्युलेशन के उचित प्रबंधन के लिए विशेष सहायता प्रदान करने एवं कर-हस्तांतरण की राज्यों के बीच हिस्सेदारी निर्धारण प्रक्रिया में राजकोषीय अनुशासन को ‘‘डिवोल्यूशन फॉर्मूले’’ का एक महत्वपूर्ण घटक बनाने, ‘‘रेवेन्यू डेफिसिट ग्रान्ट’’ की जगह ‘‘रेवेन्यू नीड ग्रान्ट’’ लागू किए जाने के संबंध में मंथन हुआ, जिससे राज्य की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके।