लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी जैसे उपकरणों में अचानक विस्फोट हो रहे हैं, जिससे जनता और सुरक्षा कर्मियों के बीच दहशत का माहौल बन गया है। लेबनान के विभिन्न हिस्सों से पेजर और वॉकी-टॉकी में अचानक विस्फोट होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन उपकरणों का इस्तेमाल सुरक्षा बलों, आपातकालीन सेवाओं और अन्य पेशेवरों द्वारा किया जाता है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना साइबर हमलों या तकनीकी छेड़छाड़ का नतीजा हो सकती है। लेबनान की सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की बारीकी से जांच कर रही हैं। लेबनान को शक है कि इसके पीछे इजरायल का हाथ है।
17-18 सितंबर को पेजर, वॉकी-टॉकी और फिर सोलर एनर्जी सिस्टम में धमाके हुए थे। धमाकों के इन तीन पैटर्न में 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी है। जबकि 2300 से ज्यादा घायल हैं। इन धमाकों के बाद लोग मोबाइल फोन छूने से डर रहे हैं। वहीं हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों को हिदायत दी है कि वे अपने फोन की बैटरी निकालकर फेंक दें।
लेबनान में ईरान के समर्थन वाले हिजबुल्लाह संगठन के लड़ाके इजराइली हैकिंग से बचने के लिए मोबाइल फोन की जगह पेजर और वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, राजधानी बेरूत में बड़ी संख्या में घरों पर सोलर सिस्टम लगे हुए हैं।
हिजबुल्लाह ने इन हमलों का आरोप इजराइल पर लगाया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को इस मामले में आपात बैठक बुलाई है। लेबनान में 2 दिन के भीतर ही तीन तरीके से ब्लास्ट हुए। मंगलवार को अचानक से पेजर फटने लगे, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई जबकि 3 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। उसके अगले ही दिन बुधवार को वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट होने शुरू हो गए। जिसमें 25 लोगों की जान चली गई। जबकि गुरुवार को सोलर सिस्टम में धमाके हुए जिसमें कई लोग घायल हैं।
हिजबुल्ला के लड़ाके करते हैं पेजर और वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल
हिजबुल्ला के लड़ाके कम्यूनिकेशन के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं ताकी इजरायल की एजेंसियां उनके कम्यूनिकेशन सिस्टम को हैक ना कर पाए। इसके लिए वे पेजर और वॉकी टॉकी का इस्तेमाल करते हैं। जिसे ज्यादा सिक्योर सिस्टम माना जाता है।
पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके क्यों हो रहे?
हिजबुल्ला आरोप लगा रहा है कि इसके पीछे इजरायली खुफिया एजेंसियों का हाथ है। दावा किया जा रहा है कि इजरायली खुफिया एसेंजियों ने ताइवान की उस पेजर कंपनी से संपर्क किया, जहां पर हिजबुल्ला के लिए पेजर बनाए जाते हैं। जिसके बाद सांठगाठ कर पेजर और दूसरे डिवाइस की बैटरी के अंदर 3 से 15 ग्राम विस्फोटक लगा दिया गया। अब यही विस्फोटक लेबनान में धमाके का कारण बन रहा है।