Himalaya Divas Uttarakhand: हिमालय दिवस जिसे उत्तराखंड में विशेष रूप से मनाया गया। हिमालय, जो न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत के पर्यावरणीय और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, इसके संरक्षण को लेकर हर साल 9 सितंबर को यह विशेष दिन मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस खास मौके पर हुई गतिविधियों के बारे में।
देहरादून में मुख्य सेवक सदन में हिमालय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने हिमालय संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले बुद्धिजीवियों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर पांचवें देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।
सीएम धामी ने कहा कि हिमालय हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसे बचाने की जरूरत है और हमारी सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। हमने नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के लिए अलग योजनाएं बनाने की मांग उठाई थी, जिस पर अब काम शुरू हो गया है।
उत्तराखंड पहला राज्य है जहां इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच समन्वय स्थापित करते हुए GEP को लागू किया गया है। हम सभी को हिमालय संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए और पेड़ लगाने के साथ ही प्लास्टिक का उपयोग न करने पर जोर देना चाहिए।
हिमालय दिवस का मुख्य उद्देश्य है हिमालय क्षेत्र की पर्यावरणीय संवेदनाओं और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना। इस दिन उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार, और पर्यावरणीय संरक्षण की गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, ताकि लोग हिमालय की अहमियत को समझें और इसे बचाने की दिशा में काम करें।
हिमालय हमारे लिए सिर्फ पहाड़ नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि इसे सुरक्षित रखें। इस दिशा में सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी यह अमूल्य धरोहर मिल सके।
हिमालय क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं और जैव विविधता को खतरा है। हम सभी को एकजुट होकर इस दिशा में काम करना होगा। यह समय की मांग है कि हम हिमालय की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।