Martyr Deepak Singh last rites: शहीद दीपक सिंह का हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। कैप्टन दीपक को उनके चाचा शंकर सिंह ने मुखाग्नि दी। शहीद के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी हुई गाड़ी से हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट लाया गया। इस दौरान सैन्य सम्मान के साथ शहीद दीपक सिंह का अंतिम संस्कार किया गया।
आज ही शहीद दीपक सिहं का पार्थिव शरीर उनके कुआंवला देहरादून स्थित घर पहुंचा था। जहां से उनके पार्थिव शरीर को हरिद्वार के खड़खड़ी शमशान घाट लाया गया। कैप्टन दीपक सिंह जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
कैप्टन दीपक सिंह जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। कैप्टन दीपक सिंह अभी महज 25 साल के थे। उनके पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस से इसी साल अप्रैल में रिटायर हुए थे। दीपक सिंह दो बहनों में अकेले भाई थे। उन्होंने जून 2020 में सेवा में कमीशन पाया था। कैप्टन दीपक सिंह 48 राष्ट्रीय राइफल में सिग्नल अधिकारी थे।