Kanwad Yatra 2024: कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है, ऐसे में हरिद्वार में कांवड़ियों का हुजूम उमड़ रहा है। यूपी, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से कांवड़िये हरिद्वार में गंगाजल भरने के लिए आ रहे हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान बहुत बड़ी संख्या में कांवड़िये हरिद्वार आते हैं, हर की पैड़ी से गंगाजल भरने के बाद कांवड़िये अपने गंतव्य की तरफ रवाना होते हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान लगेगा पंचक, जानिए पंचक में क्या नहीं करना है
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 23 जुलाई सुबह 9 बजकर 21 मिनट से पंचक लग जाएंगे जो 27 जुलाई दोपहर 1 बजे तक रहेंगे। पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य तो किया जा सकता है, मगर ज्योतिषी मानते हैं कि इस दौरान लड़की की खरीद नहीं करना चाहिए जो की अशुभ होता है। कांवड़िये चूंकी बांस से बनी कांवड़ में गंगाजल भरकर लेकर जाते हैं, इसलिए पंचक के दौरान 23 जुलाई से 27 जुलाई तक कांवड़ियों की भीड़ थोड़ा कम रहेगी। ज्योतिषी मानते हैं कि कांवड़ियों को पंचक के दौरान कांवड़ नहीं खरीदनी चाहिए, हां अगर किसी ने पंचक लगने से पहले कांवड़ खरीद ली है तो वो कांवड़ उठा सकता है, या किसी के पास पुरानी कांवड़ है तो वो भी कांवड़ लेकर जा सकता है। मगर पंचक के दौरान कांवड़ खरीदना शुभ कार्य नहीं माना जाता है। ज्योतिषी मानते हैं कि अगर पंचक में किसी ने कोई लकड़ी खरीद ली तो उसे कम से कम पांच बार खरीदना पड़ेगा तभी पंचक का प्रभाव कम किया जा सकता है।
ऋषिकेश में कांवड़ यात्रा के लिए क्या है प्रशासन का प्लान
जाहिर है इस बार कांवड़ियों को अच्छी खासी परेशानी हो सकती है। ये परेशानी नीलकंठ महादेव तक पहुंचने में हो सकती है, क्योंकि विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला पुल (Lakshman Jhula Pull) पूरी तरह से बंद पड़ा है तो रामझूला पुल ही गंगा पार करने के लिए इकलौता जरिया है। मगर रामझूला पुल (Ram Jhula Pull) की स्थिति भी अच्छी नहीं है। ये इस स्थिति में नहीं है इस पर इतनी बड़ी संख्या में आवाजाही करवाई जा सके। ऐसे में प्रशासन की कोशिश होगी कि राम झूला पुल से जैसे तैसे कांवड़ियों को नीलकंठ पैदल मार्ग (Neelkanth Pedal Marg) की तरफ भेजा जाए। लक्ष्मण झूला पुल पर कावड़ियों की आवाजाही रोक लगाने के बाद सीमित संख्या में प्रशासन राम झूले से कावड़ियों की पैदल मार्ग नीलकंठ के लिए आवाजाही शुरू कर सकता है।
इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान क्या डीजे बजेगा
कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे लेकर आना काफी प्रचलन में है। मगर सवाल ये है कि क्या बार उत्तराखंड सरकार और प्रशासन की तरफ से इसकी अनुमति दी गई है। उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कांवड़िये डीजे लेकर आ सकते हैं, मगर उसकी ध्वनी ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कांवड़ियों को खुद भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि देवभूमि में माहौल खराब ना हो।
कांवड़ यात्रा को लेकर कई राज्यों के अधिकारियों ने की समीक्षा
कांवड़ यात्रा 2024 (kanwar yatra 2024) को लेकर उत्तराखंड, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली और आगरा जोन के अलावा, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी की बैठक भी हो चुकी है। जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान आपस में बेहतर तालमेल बनाकर काम करने पर बातचीत हुई। मीटिंग में तय हुआ है कि इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान देशभक्ति को ज्यादा फोकस किया जाएगा। कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा होगी। कांवड़ियों से कहा गया है कि वे तिरंगा झंडा लेकर चले।
कांवड़ यात्रा को लेकर अभी कुछ रोज पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। जिसमें कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई थी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि इस बार भी कांवड़ यात्रा विधिवत रूप से चलेगी। पिछली कमियों को सुधारते हुए इस बार पिछले साल से बेहतर इंतजाम होंगे। इस बार हरिद्वार में हर की पैड़ी क्षेत्र समेत दूसरे गंगा घाटों और पूरे मेला क्षेत्र पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पिछले साल करीब 4 करोड़ कांवड़िये हरिद्वार आए थे इस बार ये संख्या और बढ़ सकती है इसलिए पहले से ही व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कावड़ यात्रा से पहले कावड़ पटरी के सौंदर्यीकरण और मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाई जाए। कावड़ यात्रा मार्ग पर शौचालयों, स्नान घरों, स्वच्छ पेयजल, यात्री शेड, लाईट, मेडिकल सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। कावड़ियों की यात्रा और सुगम सरल हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा मार्ग एवं हरिद्वार क्षेत्र में स्थित होटलों ढाबों में भोजन की गुणवत्ता के लिए चेकिंग अभियान नियमित चलाया जाए। होटलों और ढाबों में रेट लिस्ट लगाये जाए। कावड़ यात्रा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाए, सफाई का कार्य 24 घंटे संचालित रहे। सीएम धामी ने कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि मेला क्षेत्र में किसी तरह का अतिक्रमण न हो।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्थानीय लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, सड़कों पर यातायात प्रभावित न हो, यातायात प्रबंधन के लिये बेहतर रूट प्लान बनाया जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही अन्य राज्यों से परस्पर समन्वय बनाकर कॉमन डायवर्जन प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
कांवड़िये बड़ी संख्या में नीलकंठ महादेव (Neelnakth Mahadev) भी पहुंचते हैं। अब से पहले तक परंपरा थी नीलकंठ जाने वाले कांवड़िये लक्ष्मण झूला पुल से होकर जाते थे, जबकि नीलकंठ मंदिर से दर्शन कर आने वाले कांवड़िये राम झूला पुल से होकर गुजरते थे। चूंकि लक्ष्मण झूला पुल पर फिलहाल आवाजाही बंद है। ऐसे में प्रशासन के सामने चुनौती इस बात को लेकर है कि कांवड़िये नीलकंठ जाने के लिए कहां से जाएंगे।
हरिद्वार में कांवड़ यात्रा को लेकर कैसे ही पार्किंग की व्यवस्था
कांवड़ यात्रा को लकर हरिद्वार प्रशासन और पुलिस की तरफ से पार्किंग के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। इस बार पिछले साल के मुकाबले ज्यादा कांवड़िये आ सकते हैं इसलिए गंगा किनारे के घाटों पर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। पार्किंग के लिए टेंडर अलॉट कर दिए गए हैं। कांवड़ में पार्किंग का ठेका लेने वालों को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी से भी पार्किंग के नाम पर अतिरिक्त पैसे ना लिए जाएं वरना कार्रवाई की