Uttarakhand ByPoll Result: उत्तराखंड की मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की हार हुई है जबकि दोनों ही सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जीत गए हैं। बद्रीनाथ और मंगलौर दोनों ही सीट से भाजपा को हाथ धोना पड़ा है। बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला और मंगलौर सीट पर काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की है। मंगलौर सीट पर फिर भी भाजपा का कभी कब्जा नहीं रहा, लेकिन बदरीनाथ सीट कई मायनों में खास थी। चुनाव प्रचार में भी पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा को बदरीनाथ सीट से हाथ धोना पड़ा।
मंगलौर सीट पर इससे पहले 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा की जीत हुई थी। मगर मंगलौर से विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के बाद इस पर सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन की जीत हुई है। काजी निजामुद्दीन 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे मगर ये तब हार गए थे।
2022 विधानसभा चुनाव में मंगलौर विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी काजी निजामुद्दीन से 529 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में मंगलौर सीट पर काजी निजामुद्दीन की ही जीत हुई थी। मंगर 2022 का विधानसभा काजी निजामुद्दीन हार गए थे।
मंगलौर विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान हुआ था। शनिवार को सुबह आठ बजे से शुरू हुई मतगणना के दौरान कांग्रेस भाजपा समर्थकों की धड़कनें कई बार घटी और बढ़ीं। पहले के छह राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने बसपा और भाजपा प्रत्याशियों से लंबी बढ़त ले ली थी।
पहले छह राउंड तक भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना तीसरे नंबर पर चल रहे थे। सातवें राउंड में उन्होंने बढ़त बनाई और बसपा को पीछे कर दूसरे नंबर पर आ गए। आठवें और नौवें राउंड में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी की बढ़त को तेजी के साथ कम किया।
तब ऐसा लगने लगा कि भाजपा इस बार मंगलौर विधानसभा का इतिहास बदल देगी। नौवें राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन मात्र 93 मतों के अंतर से आगे थे। इस पर कांग्रेस समर्थकों में मायूसी नजर आने लगी थी, कई तो मतगणना स्थल से वापस होने लगे थे। भाजपा समर्थकों में इस बात को लेकर उत्साह भर गया था कि दसवें राउंड में उनकी जीत होगी, पर दसवें राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन 449 मतों से विजयाी हो गए।
बदरीनाथ और मंगलौर का चुनावी समर भाजपा के विजय रथ की कड़ी परीक्षा था, जिसमें भाजपा सफल नहीं हो पाई। मंगलौर सीट पर भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था, लेकिन भड़ाना कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन से मात खा गए। वहीं बदरीनाथ में भाजपा ने राजेंद्र भंडारी पर भरोसा जताया था, लेकिन कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला से भंडारी मात खा गए।
उप चुनाव में हार की कई बड़े कारण
मंगलौर सीट पर बसपा विधायक के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जाना था, लेकिन बदरीनाथ में परिस्थिति जबरन पैदा की गई। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में शामिल हो गए। भंडारी खुद तो चले गए, लेकिन कार्यकर्ताओं में रोष रहा और इसे कांग्रेस ने मुद्दा बनाया। नतीजन ये भाजपा की हार तो कांग्रेस की कामयाबी का राज बन गया। नाटकीय तरीके से कांग्रेस विधायक का भाजपा में शामिल होना जनता को रास नहीं आया। राजेंद्र भंडारी तो भाजपा में चले गए लेकिन समर्थक कांग्रेस में ही रह गए। यही वजह है कि विधायक रहते हुए इस्तीफा देने वाला राजेंद्र भंडारी को हार का सामना करना पड़ा। बदरीनाथ सीट पर राजेंद्र भंडारी और बीजेपी का दांव उलटा पड़ गया।
बदरीनाथ विधानसभा उप चुनाव की 14वें चरण की मतगणना के बाद कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस के लखपत बुटोला 5224 मतों से जीते हैं।