शहीद सूबेदार आनंद सिंह रावत का उनके पैतृक घाट सूर्यप्रयाग में अंतिम संस्कार किया गया।
Last Rites Of Martyr Anand Singh: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के 5 जवानों ने बलिदान दिया है। इनमें से रुद्रप्रयाग जिले के सूबेदार आनंद सिंह रावत भी थे। बुधवार को सैनिक सम्मान के साथ आनंद रावत का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
शहीद का पार्थिव शरीर करीब डेढ़ बजे उनके गांव कांडा भरदार लाया गया। यहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। जैसे ही सेना के जवानों द्वारा तिरंगे में लिपटा शहीद के पार्थिव शरीर का ताबूत गांव पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया। शहीद की पत्नी, मां और बच्चों ने रो-रोकर बुरा हाल कर दिया। परिवार के लोग शहीद आनंद रावत के पार्थिव शरीर पर लिपट गए। ये पल गमगीन कर देने वाला था, गुस्सा उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने देवभूमि के बहादुर बेटे पर छिपकर हमला किया।
नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे और 2001 में सेना में भर्ती हुए थे बीते दिनों जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में वे शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी विजया रावत और दो बेटे 16 मनीष और अंशुल वर्तमान में देहरादून के मियांवाला शिवलोक कॉलोनी के पास रह रहे हैं, जबकि मां 70 मोली देवी और बड़ा भाई कुंदन सिंह रावत गांव कांडा में रह रहे हैं।
कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार स्थित बदनोता गांव में नियमित गश्त की जा रही थी। उसी समय आतंकियों ने सेना के जवानों को निशाना बनाया।
शहीद आनंद रावत के अंतिम संस्कार में जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने ‘भारत माता की जय, शहीद आनंद सिंह अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा आनंद तेरा नाम रहेगा, आनंद तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान’ के नारे लगाए। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक घाट सूर्यप्रयाग लाया गया। यहां पर 6 ग्रेनेडियर के अफसरों और प्रशासनिक अफसरों ने पुष्प चक्र के साथ श्रद्धांजलि दी। इसके बाद बड़े बेटे मनीष और शहीद के भाई कुंदन सिंह रावत ने मुखाग्नि दी।