पुराणों में 5 कैलाश का जिक्र आता है। जिनमें कैलाश पर्वत जो तिब्बत में है मगर अब वो चीन के क्षेत्र में है, आदि कैलाश जो उत्तराखंड में स्थित है। जबकि तीन कैलाश मणिमहेश, श्रीखंड और किन्नर कैलाश हिमाचल में स्थित है। मगर हम यहां बात कर रहे हैं आदि कैलाश की, जो उत्तराखंड में स्थित है और हिंदु धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है।
आदि कैलाश के बारे में जानिए (adi kailash yatra)
आदि कैलाश यात्रा (adi kailash yatra) हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आदि कैलाश का संबंध भगवान शिव से है। आदि कैलाश को शिव कैलाश, छोटा कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है। ये उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित हिमालाय पर्वत की एक पवित्र श्रृंखला में स्थित है। आदि कैलाश को तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत की प्रतिकृति कहा जाता है। मान्यताओं के मुताबिक आदि कैलाश पर्वत वो पहला पड़ाव था, जहां भगवान शिव तब रुके थे, जब वे देवी पार्वती से विवाह के लिए जा रहे थे। हिमालय की ये चोटी कैलाश पर्वत की ही तरह से नजर आती है। माना जाता है कि कैलाश शिव का निवास है, जबकि आदि कैलाश उनका दूसरा निवास स्थल है। आदि कैलाश में पार्वती सरोवर नाम की झील है, जिसे श्रद्धालु देवी का स्नानागार मानते हैं।
कहां से शुरू होती है आदि कैलाश की यात्रा, कैसे करें आदि कैलाश की यात्रा
आदि कैलाश की यात्रा आधार शिविर (बेस कैंप) धारचूला से शुरू होते है जो पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। धारचूला से यात्री गूंजी होते हुए आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा करते हैं। अब यात्री अपने वाहनों के जरिए धारचूला से आदि कैलाश और ओम पर्वत तक जा सकते हैं। आदि कैलाश तक पक्की सड़क बन गई है इसलिए वहां पहुंचने में कोई परेशानी नहीं है, ओम पर्वत तक सड़क तो बन गई है मगर वहां पर मार्ग अभी पथरीला है उसे पक्का नहीं किया जा सका है।
गुंजी में यात्री रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन आदि कैलाश के दर्शन करने जाते हैं। इसके बाद पार्वती सरोवर की परिक्रमा कराई जाती है जिसके बाद यात्री वापस गुंजी लौटते हैं। उसके अगले दिन यात्रियों को ओम पर्वत के दर्शन कराए जाते हैं। इसके बाद यात्री गुंजी में रात्रि विश्राम करते हैं।
दिल्ली, नोएडा से आदि कैलाश यात्रा करने में कितना समय लगता है
अगर आप दिल्ली-नोएडा से आदि कैलाश की यात्रा करना चाहते हैं तो इसमें कम से कम 4 दिन का समय जरूर लगेगा। आदि कैलाश के लिए आपका सबसे पहला पड़ाव गुंजी होगा जिसकी दिल्ली से दूरी 662 किमी और नोएडा से दूरी 632 किमी है। आप दिल्ली से चलकर सीधे धारचूला भी रूक सकते हैं, धारचूला से गुंजी की दूरी करीब 70 किमी है, जिसके लिए 2 से 3 घंटे का समय लगता है। अगर आपके पास समय है तो आप सीधे गुंजी रुकिए, इससे आपको अगले दिन यात्रा शुरू करने में सुविधा होगी, ज्यादातर लोग वैसे यही करते हैं, वो गूंजी रुकते हैं।
अगर आप दिल्ली से सुबह 4 से 5 बजे अपने वाहन से यात्रा शुरू करते हैं तो धारचूला होते हुए गूंजी पहुंचने में आपको 15 से 16 घंटे का समय लग जाएगा। धारचूला और गूंजी में आप होम स्टे में रुक सकते है। धारचूला में होम स्टे वाले प्रति व्यक्ति 500 रुपये रात्रि रुकने का चार्ज लेते हैं। जबकि गूंजी में प्रति व्यक्ति बेड के हिसाब से लिया जाता है, जो कि प्रति व्यक्ति 1500 रुपये के आस पास है। मगर डिमांड के हिसाब से ऊपर नीचे होता रहता है, मगर बहुत ज्यादा भी नही है। धारचूला में खाना भी बहुत महंगा नहीं है।
गुंजी से आदि कैलाश की यात्रा
गूंजी से आप जितना जल्द सुबह हो सके आदि कैलाश की यात्रा पर निकल जाए। गूंजी से आदि कैलाश की दूरी 35 किमी है। जिसके लिए ढाई से 3 घंटे का समय लगता है। गूंजी से आदि कैलाश तक अब पक्की रोड बन गई है, इसलिए वाहन से आवाजाही में कोई समस्या नहीं है। आदि कैलाश की यात्रा के लिए आप एक दिन के समय रखकर चलिए, जिसमें आप बड़े आराम से आदि कैलाश के दर्शन कर वापस गूंजी आ जाएंगे।
गूंजी से ओम पर्वत की यात्रा
अपनी यात्रा के तीसरे दिन आप ओम पर्वत की तरफ रवाना हो जाएं, ध्यान रखें सुबह जितना जल्द हो सके यात्रा शुरू कर दें। गूंजी से ओम पर्वत की दूरी करीब 22 किमी है। इसके लिए 2 से ढाई घंटे का समय लग सकता है। इसके लिए भी आप एक दिन पूरी रिजर्व रखिए, जिससे आप इस पूरे क्षेत्र को अच्छे से देख पाएंगे।
अपनी यात्रा के तीसरे दिन आप वापस गूंजी रुक जाएं, अगर आपके पास समय हो तो धारचूला भी रुक सकते हैं। क्योंकि आपको अगले दिन थोड़ा कम दूरी तय करनी पड़ेगी। इस तरह से अपनी यात्रा के चौथे दिन आप बड़े आराम से रात के 7 से 8 बजे तक अपने घर दिल्ली या नोएडा पहुंच चुके होंगे।
आदि कैलाश की यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार की गाइडलाइंस
अगर आप आदि कैलाश की यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आप उत्तराखंड सरकार की तरफ से निर्धारित की गई गाइडलाइंस का पालन करें। आदि कैलाश की यात्रा पर जाने वाले लोगों को सरकारी अस्पताल से अपनी सेहत से जुड़ा मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना होगा। जिसमें डॉक्टर स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ जरूरी जांच करते हैं, जैसे बीपी, शुगर, अस्थमा, स्वास्थ्य संबंधी कुछ दूसरी परेशानी तो नहीं। इस तरह की कुछ जरूरी जांच के बाद संबधित व्यक्ति का हेल्थ सर्टिफिकेट बन जाता है। उस सर्टिफिकेट के आधार पर आदि कैलाश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को धारचूला से परमिट इश्यू किया जाता है।