Shankracharya Awimukteshwaranand: अधूरे मंदिर के उदघाटन को लेकर लगातार सवाल उठा रहे ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज अभी भी अपने स्टैंड पर कायम हैं, उन्होंने कहा कि वे आश्वस्त करते हैं धर्म के न्यायाधीश होने के कारण सही और गलत दोनों पहलुओं पर अपनी बात जारी रखेंगे।
सुर बदलने की सोशल मीडिया में जो बाते हैं वो सब अफवाह हैं, मैं धर्म की रक्षा के लिए हमेशा आवाज उठाता रहूंगा: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
मैंने कभी PM मोदी की आलोचना या विरोध नहीं किया: शंकराचार्य
इसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि उन्होंने कभी भी पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध नहीं किया, कुछ लोगों ने उनकी छवि बीजेपी और मोदी विरोधी बनाने की कोशिश की है, मगर वो उसमें कामयाब नहीं हुए। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिस तरह से नरेंद्र मोदी हिंदुत्व की बात करते हैं उस लिहाज से वो मोदी के प्रशंसक है। राम मंदिर को लेकर भी शंकराचार्य ने सिर्फ इस बात को उठाया था कि अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए, अगर ऐसा हुआ तो वहां पर असुरी शक्तियों का प्रभाव हो सकता है। शंकराचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लिए गए कुछ बड़े फैसले जैसे आर्टिकल 370 साथ ही और भी ऐसे ही कई फैसलों की उन्होंने सराहना की। ऐसे में भला वो कैसे मोदी या बीजेपी विरोधी हो सकते हैं।
ज्योर्तिमठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद महाराज और मीडिया प्रभारी बृजेश सती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा कभी विरोध नहीं किया गया। उन्होंने केवल शास्त्रीय मर्यादाओं को दृष्टिगत रखते हुए जिन बिंदुओं पर आपत्ति थी, उसको जनता के समक्ष रखा। स्पष्ट किया कि किसी एक पक्ष में खड़ा होना बहुत आसान है। लेकिन सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस अगर किसी में है तो हिंदुओं के धर्म गुरु ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी में ही है।
ज्योर्तिमठ के प्रभारी और मीडिया प्रभारी बृजेश सती ने ज्योतिर्मठ की तरफ से कहा कि शंकराचार्य जी धर्म के न्यायाधीश हैं। जो सही और गलत दोनों पक्षों पर अपनी बात रखते हैं। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य जी के सन्दर्भ सुर बदलने का जो विमर्श संचार माध्यमों गढ़ा जा रहा है वो तथ्यों से परे है। शंकराचार्य पहले भी एक इंटरव्यू के दौरान स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि वो धर्म की रक्षा के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेंगे और किसी पार्टी या राजनेता में इतना बल नहीं है कि वो उन्होंने इस कार्य से रोक पाए।
ज्योतिर्मठ प्रभारी और मीडिया प्रभारी ने कहा कि ज्योतिर्मठ शंकराचार्य ने जिन बिंदुओं को जनता के सामने रखा , उसका संज्ञान लेते हुए अब काष्ठ और कपड़े से कलश के शिखर को निर्मित किया जा रहा है और अधूरे निर्माण को पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पद पर रहते हुए शंकराचार्य कोई भी ऐसा अशास्त्रीय और धर्म के विपरीत कार्य का समर्थन नहीं कर सकते हैं । उन्होंने समय-समय पर प्रचार प्रसार माध्यमों के समक्ष अपनी बात को रखा और भविष्य में भी वे इसी तरह अपना पक्ष रखते रहेंगे।