रुड़की में नारसन बॉर्डर पर हुए इतनी भीषण हादसे के बाद भी अगर ऋषभ पंत आज सकुशल हैं तो उसके पीछे हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर की बहादुरी और इंसानियत है। हरियाणा रोडवेज की बस के ड्राइवर ने हादसे की आंखों देखी बयां की। ड्राइवर सुशील ने बताया कि हादसे से करीब 300 मीटर दूर से उन्हें आभास हो गया था कि एक कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गई है। हरियाणा रोडवेज की बस रुड़की की तरफ से दिल्ली की तरफ जा रही थी जबकि ऋषभ पंत दिल्ली से रुड़की की तरफ आ रहे थे। इसी दौरान ऋषभ पंत की कार डिवाइडर पर चढ़ने के बाद उल्टी दिशा यानी बस वाली तरफ आ जाती है।
हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील घबरा जाते हैं, उन्हें लगा कि ये कार सीधे उनकी बस से आकर टकरा जाएगी और फिर उनका और बस में सवार यात्रियों की जान बच पाना मुश्किल हो जाएगा। ऋषभ पंत की कार डिवाइडर के ऊपर से कूदते हुए सड़क पर कई बार पलटती है और सड़क के किनारे रेलिंग को तोड़ने हुए पलटकर रुक जाती है। इसी बीच हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील ने सूजबूझ दिखाते हुए बस को ड्राइवर वाली साइट काट दिया। जिससे बस की टक्कर कार से होने से बच जाती है।
ऋषभ पंत की कार पलटते ही उसमें आग लगने लगी। इसी बीच ड्राइवर सुशील बस रोक देते हैं और फौरन ही ऋषभ पंत की मदद के लिए आगे बढ़ते हैं। तब तक किसी को भी ये मालूम नहीं था कि कार में कौन और कितने लोग सवार हैं। तभी कार के विंडो से एक शख्स आधा बाहर और आधार भीतर नजर आता है, बस ड्राइवर और कंडक्टर उसे किसी तरह से बाहर निकाल लेते हैं। बस ड्राइवर ने बताया कि ऋषभ पंत उस समय बेहोश थे। ऋषभ पंत को सड़क के बीच में बने स्थान पर लेटा दिया जाता है। इसी बीच ऋषभ पंत को कुछ होश आता है और वो बस ड्राइवर को अपना परिचय देते हैं।
हादसे के दौरान ऋषभ पंत के कपड़े फट जाते हैं, बस ड्राइवर ने बस में सवार यात्रियों से एक चादर मंगवाकर ऋषभ पंत को ओढ़ा दी, इसके बाद एंबुलेंस और पुलिस को फोन किया गया। इस बीच ऋषभ पंत, बस ड्राइवर को अपनी मां का नंबर देते हैं, मगर ऋषभ पंत की मां का फोन स्विच ऑफ आता है। इस बीच एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच जाती है, जिसके बाद ऋषभ पंत को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल रवाना कर दिया जाता है।
बस ड्राइवर सुशील ने बताया कि जैसे ही उन्होंने ऋषभ पंत को कार से निकाला उसके महज एक मिनट के भीतर ही पूरी कार धू धूकर जलने लगी। अगर महज एक मिनट की देरी हुई होती तो ऋषभ पंत के साथ अनहोनी हो सकती थी। क्योंकि हादसे के बाद ऋषभ पंत कार में बेहोश पड़े थे उनके लिए कार से बाहर निकल पाना शायद मुमकिन हो पाता है। देखा जाए तो ऋषभ पंत की जिंदगी में हरियाणा रोडवेज के ये ड्राइवर और कंडक्टर किसी फरिश्ते और भगवान से कम नहीं हैं।