हिमालयी राज्यों की तरह से लद्दाख़ पहाड़ी राज्य होने के साथ ही केन्द्र शासित है। इसमें पाक अधिकृत गिलगित बलतिस्तान , चीन अधिकृत अक्साई चिन और शक्सगम घाटी का क्षेत्र भी शामिल है। लेह लद्दाख की राजधानी है। साथ ही ये लद्दाख का एक प्रमुख शहर भी है। अगर आप लेह और लद्दाख आना चाहते हैं तो आप यहां आकर इन खास जगहों को देख सकते हैं।
लेह लद्दाख की प्रसिद्ध जांस्कर घाटी ( famous Zanskar Valley)
जांस्कर वैली लेह लद्दाख की एक प्रसिद्ध घाटी है। जो हिमालयन रेंज में स्थित है। ये घाटी चारों ओर से पहाड़ियों और बर्फ से ढकी हुई है। यहां आने पर सैलानी एक अलग ही सुकून का एहसास करते हैं। अगर आप जांस्कर घाटी देखना चाहते हैं तो यहां पर आने का सबसे अच्छा मौसम जून से सितंबर के बीच है।
लेह लद्दाख की खूबसूरत पैंगोंग झील (Pangong Lake)
पैंगोंग झील, लेह लद्दाख के पास एक बेहद सुंदर झील है। ये झील 12 किलोमीटर लंबी है। इस झील का विस्तार भारत से तिब्बत तक फैला हुआ है। पैंगोंग झील के पास का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इसे क्रिस्टल झील के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप लेह आते हैं तो ये आपके लिए बहुत अच्छा ऑप्शन है।
लेह लद्दाख का मैग्नेटिक हिल (Leh Ladakh Magnetic Hill)
मैग्नेटिक हिल को ग्रेविटी हिल के नाम से भी जाना जाता है। इसे ग्रेविटी हिल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव बहुत स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। दरअसल ये एक पहाड़ी है जहां पर वाहन अपने आप पहाड़ी की तरफ मुड़ जाता है। वैज्ञानिकों ने इसी कारण इस पहाड़ी को को मैग्नेटिक हिल (magnetic hill) या ग्रेविटी हिल (gravity hill) का नाम दिया है। मैग्नेटिक हिल लेह से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
लेह पैलेस (Leh Palace)
लद्दाख के लेह पैलेस को ‘Lhachen Palkhar’ के नाम से भी जाना जाता है। ये एक ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है। इसकी इमारत का निर्माण 17 वीं सदी में हुआ था। लेह पैलेस की 9 मंजिला इमारत है, इस महल से पर्यटक मनोरम दृश्य देख सकते हैं।
चादर ट्रैक (Chadar Trek)
लद्दाख का चादर ट्रैक एक अहम पर्यटक स्थल है। इसे लद्दाख के सबसे महत्वपूर्ण और रोचक ट्रैक स्थलों में कहा जाता है। चादर ट्रैक को फ्रोजन रिवर ट्रैक के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दी के मौसम में यहां पर नदी जम जाती है। उस समय नदी के ऊपर कई तरह की एक्टिविटीज आयोजित करवाई जाती हैं।
फुगताल मठ (Fugtaal Monastery)
लेह लद्दाख के फुगताल मठ को फुकताल मठ भी कहा जा सकता है। ये एक प्राचीन धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां पर सदियों पुराना प्राचीन मठ है। मगर अब यहां ज्यादातर लोग ट्रैकिंग के लिए आते हैं। कहते हैं किसी जमाने में लेह लद्दाख के विद्वान यहां पर विश्राम किया करते थे, और विचार विमर्श भी करते थे। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए फुगताल मठ अच्छी जगह है।
हेमिस मठ (Hemis Monastery)
ये एक तिब्बती मठ है जिसका निर्माण 11वीं शती में हुआ था। धार्मिक विचारों वाले लोगों के लिए हेमिस मठ अच्छी जगह है। इसके साथ ही हेमिस मठ के पास ही हेमिस नेशनल पार्क है, जिसमें कई तरह की विलुप्त प्रजातियों के वन्यजीव हैं, जिसका दीदार भी किया जा सकता है।
गुरुद्वारा पथर साहिब (Gurudwara Pathar sahib)
गुरुद्वारा पत्थर साहिब लेह लद्दाख का प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। ये लेह से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस गुरुद्वारे का निर्माण 1517 में गुरु नानक जी की याद में करवाया गया था। इस गुरुद्वारे के आसपास ट्रैकिंग जैसी स्पोर्ट्स गतिविधियों भी मौजूद है।
बौद्ध दर्शन का प्रसिद्ध शांति स्तूप (The Famous Shanti Stupa of Buddhism)
शांति स्तूप लेह लद्दाख का एक बेहद प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप है। ये बौद्ध स्तूप सफेद गुंबद वाला है। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ये पुरानी संस्कृति की याद दिलाता है। इसलिए इसे एक धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है।
खारदुंग ला पास (Khardung la Pass)
खारदुंग ला पास नुब्रा और श्योक घाटी का प्रवेश द्वार है। इसे मुख्यत प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरम दृश्य के लिए जाना जाता है। यहां की शुद्ध और ताजी हवा पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेती है।