Dehradun News: उत्तराखंड सरकार ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) को लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर शिक्षा निदेशालय में बालवाटिका का शुभारंभ किया। इसी के साथ उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 लागू हो गई।
इस मौके पर सीएम ने कहा कि एनईपी से बच्चों के नए भविष्य का निर्माण होगा। इससे उन्हें हर वह चीज मिलेगी जो उनके संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एससीईआरटी भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया, साथ ही क्षेत्र के जीर्णशीर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत की घोषणा की।
सीएम ने कहा कि एनईपी से बच्चों के नए भविष्य का निर्माण होगा। इससे उन्हें हर वह चीज मिलेगी जो उनके संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एससीईआरटी भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया, साथ ही क्षेत्र के जीर्णशीर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रान्तिकारी परिवर्तन है। यह शिक्षा नीति नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी। यह नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है, जो हर व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की सबसे अहम भूमिका है। बच्चों को सबसे पहले संस्कार माता-पिता से मिलते हैं, उसके बाद उनके व्यक्तित्व निर्माण में पूरी भूमिका शिक्षकों की होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
सीएम ने कहा कि एनईपी से बच्चों के नए भविष्य का निर्माण होगा। इससे उन्हें हर वह चीज मिलेगी जो उनके संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एससीईआरटी भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया, साथ ही क्षेत्र के जीर्णशीर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत की घोषणा की।
एनईपी में प्री प्राइमरी से शुरू होंगी कक्षाएं
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4447 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिए तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्री प्राइमरी को बाल वाटिका नाम दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिए अगल से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
20 हजार से अधिक हैं आंगनबाड़ी केंद्र
उत्तराखंड में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में 14249 सहायिकाएं एवं 4941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां नियुक्त हैं।