कपाट बंद होने के बाद बदीरनाथ धाम बदरी (Badrinath) में भी 6 महीने तक श्रद्धालु दर्शन पूजन नहीं कर सकते हैं। सर्दी के मौसम जिसे शीतकाल भी कहा जाता है। इस दौरान बदरीनाथ के आराध्य देव विष्णु भगवान (Lord Vishu) की पूजा पांडुकेश्वर मंदिर में होती है। बदरीनाथ धाम चमोली जिले में स्थित है जबकि पांडुकेश्वर मंदिर भी चमोली जिले में ही स्थित है। कपाट बंद होने के बाद भगवान बदरी (Badrinath) बद्रीनाथ की उत्सव-मूर्ति को पाडुकेश्वर स्थित योगध्यान बद्री मंदिर में लाया जाता है। ये भगवान बद्री बदरी (Badrinath) का शीतकालीन प्रवास स्थल है। यहीं पर सर्दी के मौसम शीतकालन में 6 महीने तक बद्रीनाथ या भगवान विष्णु की पूजा होती है। यहां दक्षिणी भारत के पूजारी मुख्य पुजारी के रूप में काम करते हैं। ये परंपरा भी सदियों से चली आ रही है।
बद्रीनाथ के शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर कैसे पहुंचे
पांडुकेश्वर (Pandhukeshwar) चमोली जिले के जोशीमठ में स्थित है। यहां तक आप सड़क मार्ग से होकर बड़ी आसानी से आ सकते हैं। यहां पर भी सर्दी के मौसम में काफी बर्फबारी होती है। इसलिए आप यहां आने पर बर्फबारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं।