उत्तराखंड को देवों की धरती कहा जाता है, देवताओं से जुड़े अनगिनत कहानी-किस्से और कथाएं इस पहाड़ी प्रदेश से जुड़ी हुई हैं, इसलिए इसे देवभूमि भी कहा जाता है यानी की देवताओं के रहने का स्थान, मगर उत्तराखंड में एक ऐसा भी स्थान है जो माता सीता से जुड़ा हुआ है। जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
पौड़ी जिले में सीता माता के भू समाधि लेने वाली जगह है, इस जगह का नाम सीतोंस्यू हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी जगह पर सीता माता ने भू समाधि ली थी। यहां 11वीं शताब्दी के सीता मंदिर, लक्ष्मण मंदिर और वाल्मीकि आश्रम मौजूद हैं।
यहां धरती से प्रकट हुई थीं माता सीता
पुरातत्वविद् डॉक्टर यशवंत सिंह कठोच के अनुसार, माना जाता है कि फलस्वाड़ी गांव में ही सीता माता ने भू-समाधि ली थी। कहा जाता है कि यहां पर सीता माता का मंदिर भी था और बाद में वो भी धरती में समा गया था। इस जगह की मान्यता को लेकर ही यहां पर नवंबर महीने में मेला भी लगता है।
कैसे पहुंचे माता सीता के भू-समाधि स्थल फलस्वारी
फलस्वारी गांव पौड़ी जिले से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थति है। यहां पर आप सड़क मार्ग से होते हुए बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।