ग्रीष्मकाल या गर्मी के मौसम में चारधाम यात्रा संपन्न होने के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। जिसके बाद मां यमुनोत्री की उत्सव डोली या भोग मूर्ति डोली को खरसाली (Kharsali) या खुशीमठ लाया जाता है। सर्दी के मौसम में 6 महीने तक मां यमुना की पूजा खरसाली या खुशीमठ में ही होती है। अगर आप सर्दी के मौसम में चारधाम पर आने की सोच रहे हैं तो आप खरसाली या खुशीमठ में आकर मां यमुना के दर्शन कर सकते हैं।
मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली या खुशीमठ कैसे पहुंचे
खरसाली (Kharsali) उत्तरकाशी जिले में स्थित है। खरसाली की यमुनोत्री धाम से दूरी करीब 8 किमी है। मुखबा की ही तरह से खरसाली (Kharsali) भी बेहद ही सुंदर जगह है। यहां पर आप पहाड़ी नक्काशी से बने घरों की सुंदरता को निहार सकते हैं। खरसाली तक सड़क से पहुंचा जा सकता है। इसलिए आप यहां आसानी से अपने वाहन या किराए के वाहन से आ सकते हैं।
खरसाली में मां यमुना के मंदिर के अलावा क्या चीज देखने की हैं
मां यमुना के शीतकालीन पड़ाव खरसाली (Kharsali) गांव में शनि महाराज का प्राचीन मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। लकड़ी एवं पत्थर से बना पांच मंजिला मंदिर क्षेत्र की अनूठी वास्तुकला का नमूना भी है। शनि देव मां यमुना के भाई हैं। अगर आप खरसाली (Kharsali) आते हैं तो शनि महाराज के मंदिर भी जरूर आएं। खरसाली (Kharsali) में सर्दी के मौसम में बर्फबारी होती है, अगर आप यहां आते हैं तो आप बर्फबारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं।